नई दिल्लीः भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं को लेकर बार-बार लगाए जा रहे राहुल गांधी के आरोपों पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। आयोग ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस नेता को 12 जून 2025 को बातचीत के लिए औपचारिक आमंत्रण भेजा गया था, लेकिन दो महीने बीत जाने के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि राहुल गांधी द्वारा जिस लेख में चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे, उसी के संदर्भ में उन्हें आमंत्रित किया गया था ताकि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर संवाद किया जा सके। आयोग के अनुसार, कांग्रेस पार्टी पहले ही इन मुद्दों को चुनाव के बाद उठा चुकी है और उन्हें आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को एक विस्तृत आधिकारिक जवाब में संबोधित कर दिया था। यह जवाब आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।
इस बीच शनिवार को राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर हमला बोला और उसे "अब स्वतंत्र संस्था नहीं रही" और "मर चुका आयोग" करार दिया। इस पर चुनाव आयोग के सूत्रों ने उनके आरोपों को "पूरी तरह निराधार" बताया और कहा कि ऐसे बयान एक संवैधानिक संस्था की सार्वजनिक साख को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "चुनाव आयोग पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य करता है। उसके सभी निर्णय विधिसम्मत होते हैं और सार्वजनिक परीक्षण के लिए खुले रहते हैं।"
इस पूरे विवाद के बीच आयोग ने गुरुवार को भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) की विश्वसनीयता को लेकर अपनी स्थिति दोहराई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में हिस्सा लेने वाले 10 उम्मीदवारों की मांग पर आयोग ने चेकिंग और वेरिफिकेशन (C&V) की एक विस्तृत प्रक्रिया कराई, जिसमें 48 बैलट यूनिट (BU), 31 कंट्रोल यूनिट (CU) और 31 वीवीपैट मशीनें जांची गईं।
इस जांच में सभी मशीनें पूरी तरह से ठीक पाई गईं और किसी भी वीवीपैट पर्ची और ईवीएम परिणाम में कोई अंतर नहीं मिला। आयोग ने इसे सबूत बताया कि मतदान प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई। इस घटनाक्रम को कांग्रेस और चुनाव आयोग के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।