National Center For Seismology Photograph: (आईएएनएस)
दिल्ली-एनसीआरः दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 4.0 दर्ज की गई। इसका केंद्र दिल्ली में ही था, इस वजह से झटके ज्यादा तेजी से महसूस किए गए। इसके अलावा केंद्र धरती से सिर्फ पांच किलोमीटर की गहराई पर था।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र यानी एनसीएस के निदेशक डॉ. ओपी मिश्रा ने एएनआई से बातचीत में बताया कि भूकंप का केंद्र धौला कुआं के झील इलाका था। उनके मुताबिक, इस इलाके में बीते कई दशकों से भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहे हैं। भूकंप के तेज झटकों से दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा की ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग खासकर चिंतित हो गए हैं।
हालांकि लोगों से जब एक सर्वे में पूछा गया कि भूकंप के बारे में लोग कितनी जागरूकता रखते हैं? इसमें 87 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्होंने कभी सुरक्षा ऑडिट नहीं करवाया है।
क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट?
भूकंप के बारे में लोगों की जागरूकता कितनी है, इस बाबत लोकल सर्किल्स ने एक सर्वे किया। इस सर्वे में भारत के 178 जिलों के 43 हजार लोगों ने जानकारी शेयर की है। सर्वेक्षण में लोगों से उनके घर के बारे में पूछा गया कि क्या उनका घर भूकंपरोधी है? इस सवाल के जवाब में सिर्फ 14 प्रतिशत लोगों ने जवाब दिया कि उनका घर भूकंपरोधी है।
इस सर्वे में 87 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने कभी भी सुरक्षा ऑडिट नहीं करवाया है। वहीं, सिर्फ सात प्रतिशत लोगों ने ही कहा ऑडिट कराया है। इन लोगों ने भी तीन साल में एक बार ही ऑडिट कराया है। सर्वे में चार प्रतिशत ऐसे भी लोग थे जिन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
दिल्ली-एनसीआर में हैं ऊंची इमारतें
दिल्ली-एनसीआर में बहुत सी ऊंची इमारते हैं। ऐसे में ऊंची इमारतों में रहने वाले नागरिकों को अपनी सुरक्षा के बारे में किन चीजों की जानकारी होनी चाहिए? भले ही अधिकतर इमारतों को बनाने में उन्नत तकनीक का उपयोग किया गया है। लेकिन संरचनात्मक डिजाइन विशेषज्ञों का कहना है कि ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा के बारे में पुख्ता जानकारी लेनी चाहिए।
भारत में भूकंप की बढ़ती घटनाओं का मुख्य कारण तेजी से बढ़ते शहरीकरण है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने चेतावनी दी है कि अगर दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में भूकंप आता है तो इसके खतरे ज्यादा हो सकते हैं। बीते 20 सालों में देश में 10 बड़े भूकंप दर्ज किए गए हैं। इनमें करीब 20 हजार लोगों ने जान गंवाई है।