नई दिल्लीः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सशस्त्र बलों द्वारा आपातकालीन खरीद के लिए 28 मौजूदा हथियार प्रणालियों की पेशकश की है। इन्हें डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। यह पेशकश सरकार के आत्मनिर्भरता अभियान के अनुरूप है। केंद्र सरकार ने सेनाओं को नए हथियार खरीदने और मौजूदा हथियारों के भंडार को फिर से भरने की अनुमति दी है। सरकार ने सेनाओं को यह अनुमति आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत दी है। इन शक्तियों के तहत अब सेनाएं एक उत्पाद के लिए 300 करोड़ रुपये के हार्डवेयर खरीदने की क्षमता रखेंगी। 

इस बाबत इंडिया टुडे ने रक्षा सूत्रों के हवाले से लिखा "डीआरडीओ (DRDO) ने रक्षा मंत्रालय को एक लिस्ट सौंपी है और इसमें रॉकेट, हवा से हवा में वार करने वाली मिसाइल, हवा से सतह पर वार करने वाली मिसाइलें, लेजर गाइडेड बम, टॉरपीडोस, शोल्डर फायर्ड एयर डिफेंस और एंटी टैंक मिसाइल, हेलीकॉप्टर से लांच करने वाली और जमीन से लांच करने वाली नाग मिसाइल, रुद्रम एंटी रेडिएशन मिसाइल, नौसेना की एंटी शिप मिसाइल और ग्रेनेड्स शामिल हैं।"

हथियार और हथियार निर्माताओं की सौंपी लिस्ट

सूत्रों ने बताया कि डीआरडीओ ने हथियारों की लिस्ट के साथ-साथ इन हथियारों के निर्माताओं की भी लिस्ट सौंपी है। इसके अलावा यह भी बताया कि अगले छह महीने से एक साल में कितनी हथियार प्रणालियां खरीद सकते हैं।

सेनाओं को जिन 28 हथियार प्रणालियों को खरीदने का विकल्प दिया गया है। इनमें 14 भारतीय सेना, 8 भारतीय नौसेना और 6 भारतीय वायु सेना के लिए हैं। भारतीय वायु सेना रक्षा मंत्रालय द्वारा विचार किए जा रहे प्रस्ताव के तहत SAAW स्मार्ट गोला-बारूद भी खरीद रही है। इस पर जल्द ही चर्चा की संभावना है। 

भारतीय हथियार प्रणालियों को विकसित करने में डीआरडीओ का विशेष योगदान रहा है। इनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, MRSAM एयर एज फेंस मिसाइल सिस्टम और आकाश एयर एज फेंस सिस्टम शामिल हैं। इनका इस्तेमाल मई में पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)' में किया गया था।