नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्रमुख द्वारा रूस के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखने पर भारत पर संभावित प्रतिबंधों की धमकी का जवाब दिया है। भारत ने जवाब देते हुए नाटो को 'दोहरे मापदंडो' को लेकर आगाह भी किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'हमने इस विषय पर रिपोर्ट देखी हैं और घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। मैं दोहराना चाहता हूँ कि हमारे लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना स्वाभाविक रूप से हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।'
#WATCH | Delhi | On Nato chief Mark Rutte's comment that countries buying Russian oil could face secondary sanctions, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have seen reports on the subject and are closely following the developments. Let me reiterate that securing the energy… pic.twitter.com/SdhmWRQYLL
— ANI (@ANI) July 17, 2025
जायसवाल ने 'दोहरे मानदंडों' को लेकर आगाह करते हुए कहा, 'इस प्रयास में, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों से निर्देशित होते हैं। हम इस मामले में किसी भी दोहरे मानदंड के प्रति विशेष रूप से आगाह करते हैं।'
विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी नाटो प्रमुख रूट द्वारा वाशिंगटन में अमेरिकी सीनेटर थॉम टिलिस और जीन शाहीन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत, चीन और ब्राजील से मास्को के साथ अपने आर्थिक संबंधों पर पुनर्विचार करने या अगर रूस शांति वार्ता के लिए प्रतिबद्ध नहीं होता है तो '100 प्रतिशत सेकेंडरी प्रतिबंधों' का सामना करने की धमकी के बाद आई है। रूट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख को दोहराया, जिन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर कड़े टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
नाटो चीफ ने क्या कहा था?
रूट ने पत्रकारों से कहा था, 'इन तीनों देशों को मेरा विशेष रूप से यह कहना है कि अगर आप बीजिंग या दिल्ली में रहते हैं, या आप ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो आपको इस पर गौर करना चाहिए, क्योंकि यह आपको बहुत प्रभावित कर सकता है।' इससे पहले रूट ने सोमवार को ट्रंप से मुलाकात की थी और नए उपायों का समर्थन किया था।
उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए कृपया व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएँ कि उन्हें शांति वार्ता के बारे में गंभीर होना होगा, अन्यथा इसका ब्राजील, भारत और चीन पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।'
वहीं, रिपब्लिकन सीनेटर थॉम टिलिस ने ट्रंप के इस कदम का समर्थन किया, लेकिन 50 दिनों की मोहलत को लेकर असहजता जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि 'पुतिन इन 50 दिनों का इस्तेमाल युद्ध जीतने के लिए, या फिर हत्या करने और बातचीत के लिए और जमीन बनाने और फिर शांति समझौते पर बातचीत करने की बेहतर स्थिति में आने के लिए करेंगे।'