'बीच में मत बोलिए', वक्फ के सुनवाई के दौरान क्यों CJI संजीव खन्ना ने कपिल सिब्बल से ऐसा कहा?

फैसला सुनाते वक्त याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल बीच में बोल पड़े तो मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उन्हें टोक दिया और कहा कि बीच में मत बोलिए।

Court Hammer

Photograph: (Social Media)

नई दिल्ली: वक्फ संशोधन कानून को लेकर दाखिल याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कानून पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन एक हफ्ते के लिए पहले जैसी स्थिति बने रहने का निर्देश दिया है। फैसला सुनाते वक्त याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल बीच में बोल पड़े तो मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उन्हें टोक दिया और कहा कि बीच में मत बोलिए। सीजेआई संजीव खन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'वक्फ घोषित संपत्ति और रजिस्टर्ड संपत्ति को पहले की तरह बने रहने दिया जाए।' इस दौरान कपिल सिब्बल बोल पड़े कि वक्फ बाय यूजर भी लिखिए। सीजेआई ने उन्हें टोकते हुए कहा, 'मैं आदेश लिखवा रहा हूं। बीच में मत बोलिए।' उन्होंने कहा, 'सॉलिसिटर मेहता ने कहा कि सरकार 7 दिन में जवाब दाखिल करना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि तब तक बोर्ड या काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं होगी।'

वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया सात दिन का समय

बता दें कि सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया कि इस दौरान डिनोटिफिकेशन या नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। अगली सुनवाई 5 मई को होगी। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि यह मुद्दा ऐसा नहीं है कि कोई सेक्शन देखकर उस पर फैसला किया जाए। इसके लिए पूरे कानून और इतिहास को भी देखना होगा। कई लाख सुझावों पर गौर करके यह कानून पारित हुआ था।

उन्होंने कहा कि यदि अदालत कोई आदेश जारी करती है तो उसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद सीजेआई ने कहा कि अदालत चाहती है कि कोई भी पक्ष प्रभावित न हो। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर आप 'वक्फ बाय यूजर' को लेकर भी कुछ कहना चाहते हैं, तो उसके लिए हमारा पक्ष सुने। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह तक वक्फ बोर्ड में कोई भी नियुक्ति नहीं होगी।

डिनोटिफिकेशन और नई नियुक्तियों पर रहेगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या वह आश्वासन दे सकते हैं कि 1995 के वक्फ कानून के तहत रजिस्टर्ड वक्फ प्रॉपर्टी को डिनोटिफाई नहीं करेंगे? सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को इसका भी भरोसा दिलाया। अंतरिम आदेश में शीर्ष अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 5 मई तय करते हुए कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि केंद्र सरकार सात दिन के भीतर जवाब दाखिल करना चाहती है। वह अदालत को आश्वासन देते हैं कि वक्फ कानून की संशोधित धारा 9 और 14 के तहत परिषद और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी।

अगली सुनवाई की तारीख तक, वक्फ, जिसमें पहले से पंजीकृत या अधिसूचना द्वारा घोषित वक्फ शामिल हैं, को न तो डिनोटिफाई किया जाएगा और न ही कलेक्टर द्वारा इसमें कोई बदलाव किया जाएगा। हम इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हैं।

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