टैरिफ पर सख्त डोनाल्ड ट्रंप ने जब पीएम मोदी को बताया 'टफ नेगोशिएटर'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच करीब चार घंटे तक चली मुलाकात के बाद एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई। इसमें टैरिफ, ट्रेड, सुरक्षा, आतंकवाद, परमाणु सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

Donald Trump and Narendra Modi

नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप Photograph: (X)

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 3 बजे व्हाइट हाउस में मुलाकात की। इस मुलाकात का एक अहम हिस्सा दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर हुई बातचीत थी।  

दोनों देश के नेताओं के बीच करीब चार घंटे तक चली मुलाकात के बाद एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में टैरिफ, ट्रेड, सुरक्षा, आतंकवाद, परमाणु सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। ट्रंप ने पीएम मोदी को एक 'टफ नेगोशिएटर' (मोल-भाव करने वाला) बताया। ये भी कहा कि उन्होंने अपने दोस्त को बहुत मिस किया।

ट्रंप ने कहा कि नेगोशिएशन को लेकर मेरा पीएम मोदी से कोई मुकाबला नहीं है। ट्रंप ने आगे कहा कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर ऊंचा टैरिफ लगाता है, खासकर ऑटोमोटिव एक्सपोर्ट सेक्टर को लेकर टैरिफ ऊंचा रहता है।

'व्यापार घाटे को कम करने का लक्ष्य'

ट्रंप ने कहा कि दोनों देश बातचीत के जरिए करीब 100 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे को कम करने को लेकर काम करेंगे। ट्रंप ने कहा "हम एक लेवल प्लेइंग फील्ड चाहते हैं और हम तेल और गैस की बिक्री से इस व्यापार घाटे को आसानी से पूरा कर सकते हैं"।

हालांकि, ट्रंप रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने को लेकर एग्जिक्यूटिव ऑर्डर्स पर पहले ही साइन कर चुके हैं। जिसका मतलब साफ है कि जो देश जितना टैरिफ लगाएगा उतना ही टैरिफ उस देश के सामान पर भी लगाया जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने प्रशासन की व्यापार नीति के बारे में कहा, "हम भारत के साथ भी काम करने जा रहे हैं। हम निकट भविष्य में कई बड़े व्यापार सौदों की घोषणा करने वाले हैं।" दोनों देश के नेताओं ने सहमति जताई कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड को डबल किया जाएगा। 2030 तक दोनों देशों के बीच ट्रेड को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाए जाने की भी योजना है।

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