नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ लागू कर दिया है। बता दें कि जब किसी देश को अन्य देश से एक्सपोर्ट और इंपोर्ट पर समान ही टैरिफ चुकाना होता है तो उसे रेसिपोकल टैरिफ कहते हैं।
आसान भाषा में कहें तो अगर भारत अमेरिकी व्हीकल्स पर 25 फीसदी टैरिफ लगाता है तो अमेरिका भी इंडियन व्हीकल्स पर 25 फीसदी ही टैरिफ लगाएगा। अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का मकसद अमेरिकी इंडस्ट्री की मदद करना है। दरअसल, अमेरिका में सस्ते प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट से अमेरिकी इंडस्ट्री को नुकसान उठाना पड़ता है।
बता दें कि भारत का अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर मौजूदा वेटेड एवरेज इफेक्टिव टैरिफ 9.5 फीसदी है। इसके मुकाबले इंडियन प्रोडक्ट्स पर अमेरिका का वेटेड एवरेज इफेक्टिव टैरिफ तीन फीसदी है। इसका मतलब ये कि दोनों देशों के टैरिफ में बेहद फर्क है। ऐसे में अगर अमेरिका भारतीय प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाता है तो इसका खराब असर कई भारतीय प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा असर एग्रीकल्चर, ट्रांसपोर्टेशन, टेक्सटाइल्स, फुटवियर और केमिकल्स प्रोडक्ट्स पर पड़ने कि संभावना है।
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद टैरिफ में राहत देंगे ट्रंप
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात के बाद कई मुद्दों पर बातचीत हुई। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या पीएम से मुलाकात के बाद टैरिफ मामले में ट्रंप भारत को राहत देंगे? हालांकि इस बारे में ट्रंप से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद साफ कर दिया कि उनकी सरकार अब भी भारत पर जवाबी शुल्क लगाएगी। क्योंकि भारत सबसे अधिक शुल्क लगाने वाले देशों में से एक है और उन्हें अपने पहले कार्यकाल के दौरान कोई रियायत नहीं मिल पाई थी। उनका कहना है कि हम भारत के साथ टैरिफ पर पारस्परिकता निभा रहे हैं। हम वही शुल्क लगाएंगे जो वे हम पर लगाते हैं। तो सच कहूं तो अब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे क्या शुल्क लगाते हैं।'
क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?
ट्रंप ने कहा, 'भारत ने हमें दुनिया में सबसे ऊंचे टैरिफ वाले देश के रूप में देखा है। उन्होंने हमेशा ही टैरिफ पर बहुत सख्ती दिखाई है। मैं उन्हें अनावश्यक रूप से दोष नहीं देता, लेकिन यह व्यापार करने का एक अलग तरीका है। भारत में बेचना बहुत मुश्किल है, क्योंकि वहां कड़े प्रतिबंध हैं। ऐसे में वह भारत और अन्य देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाएंगे, जिसे न्यायसंगत टैरिफ कहा गया है। हम उन पर वही शुल्क लगाएंगे जो वे हम पर लगाते हैं। जो भी भारत हम पर शुल्क लगा रहा है, हम भी उन पर वही शुल्क लगाएंगे। इसे पारस्परिक कहा जाता है और यह एक बहुत ही न्यायसंगत तरीका है।
पहले भी आलोचना कर चुके हैं ट्रंप
ट्रंप ने पहले भी भारत की ओर से अमेरिकी उत्पादों, खासकर हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल पर ज्यादा टैरिफ लगाने की आलोचना की थी। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में भारत ने कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने की घोषणा की थी, लेकिन ट्रंप इसे पर्याप्त नहीं मानते। उनका कहना है कि भारत के टैरिफ अभी भी बहुत ऊंचे हैं और उन्हें संतुलित करने की जरूरत है।