नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ 'व्यापार समझौते' के लगभग पूरा हो जाने का संकेत दिया है। ट्रंप ने एक बयान के जरिए यह संकेत दिया। ट्रंप की ताजा प्रतिक्रिया दोनों देशों के वार्ताकारों की टीम द्वारा समझौते को लेकर चार दिन तक बंद कमरे में बातचीत के कुछ सप्ताह बाद आई है। व्हाइट हाउस में 'बिग ब्यूटीफुल इवेंट' को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ उन्होंने 'बहुत बड़ा सौदा' किया है।
ट्रंप ने कहा, 'हर कोई डील करना चाहता है और उसका हिस्सा बनना चाहता है। याद कीजिए कुछ महीने पहले, प्रेस कह रही थी, 'क्या वाकई कोई ऐसा है जिसकी कोई दिलचस्पी हो? खैर, हमने कल ही चीन के साथ समझौता किया है। हम कुछ बेहतरीन सौदे कर रहे हैं। हम एक और डील करने वाले हैं, शायद भारत के साथ। बहुत बड़ी डील।'
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका हर दूसरे देश के साथ व्यापार समझौते नहीं करेगा। उन्होंने कहा, 'हम हर किसी के साथ समझौते नहीं करने जा रहे हैं। कुछ लोगों को हम सिर्फ एक पत्र भेजकर बहुत-बहुत धन्यवाद कहेंगे। आपको 25, 35, 45 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। यह आसान तरीका है, और मेरे लोग इस तरह से नहीं करना चाहते हैं। वे कुछ करना चाहते हैं लेकिन मैं जितना चाहता हूं, वे उससे ज्यादा करना चाहते हैं।'
#WATCH | "...We just signed (trade deal) with China. We're not going to make deals with everybody... But we're having some great deals. We have one coming up, maybe with India, a very big one. We're going to open up India. In the China deal, we're starting to open up China.… pic.twitter.com/fJwmz1wK44
— ANI (@ANI) June 26, 2025
भारत-अमेरिका में ट्रेड डील के लिए किन विषयों पर हुई बात?
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर क्या बातें हुई है, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों के हवाले से और मामले से परिचित लोगों के अनुसार मेगा ट्रेड डील पर चार दिवसीय वार्ता में मुख्य रूप से दोनों देशों में औद्योगिक और कृषि उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच, टैरिफ में कटौती और गैर-टैरिफ बाधाओं पर बातें हुई।
सूत्रों के अनुसार भारत-अमेरिका ट्रेड डील की बातचीत में कृषि क्षेत्र एक बड़ा बाधक बना हुआ है। कृषि उत्पादों-खासकर मक्का और सोयाबीन-पर टैरिफ रियायतें एक मुद्दा बना हुआ है। भारत कथित तौर पर अमेरिकी कृषि में प्रचलित आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों के लिए अपने बाजार को खोलने को लेकर बेहद सतर्क है और इस पर विचार हो रहा है।
चार दिनों की वार्ता के दौरान अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों ने किया, जबकि व्यापार मंत्रालय के वार्ताकारों की भारतीय टीम का नेतृत्व राजेश अग्रवाल ने किया। समझौते के लिए बातचीत का एक उद्देश्य कथित तौर पर दोनों देशों के बीच वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 190 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 बिलियन डॉलर करना था।
गौरतलब है कि 10 जून को वार्ता समाप्त होने पर, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत और अमेरिका एक निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यापार समझौते पर बातचीत करने की प्रक्रिया में हैं, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप फरवरी 2025 में मिले...दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार समझौता करने का फैसला किया है जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था, दोनों पक्षों के व्यवसायों और दोनों देशों के लोगों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी होगा। हम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा, निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित समझौता करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।'
अमेरिका-चीन ट्रेड डील
ट्रंप ने 'बिग ब्यूटीफुल बिल' इवेंट में कहा कि उन्होंने बुधवार को चीन के साथ एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि उन्होंने समझौते का कोई विवरण विस्तार से साझा नहीं किया। हालांकि, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि यह डील चीन से अमेरिका तक रेयर अर्थ शिपमेंट में तेजी लाने को लेकर है।
यह समझौता अमेरिका और चीन के बीच हाल में टैरिफ को लेकर बढ़े तनाव के बाद हुआ है। दोनों देशों के बीच टैरिफ वॉर जैसी स्थिति बन गई थी जिसकी वजह से द्विपक्षीय व्यापार में लगभग रुकावट आ गई थी।