चेन्नईः नीट पेपर लीक को लेकर देशभर में मचे हंगामे के बीच तमिल अभिनेता व तमिलागा वेत्री कझगम (टीवीके) प्रमुख थालापति विजय ने कहा है कि देश में नीट की जरूरत नहीं है। चेन्नई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए विजय ने कहा, "लोगों का नीट परीक्षा पर से भरोसा उठ गया है।"

तमिलनाडु में नीट (NEET) को समाप्त करने की लगातार मांग उठ रही है। राज्य के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुक एमके स्टालिन ने नीट को समाप्त करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। इसको लेकर राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। वहीं डीएमके राज्यसभा सांसद पी. विल्सन ने भी नीट से छूट वाले विधेयक को मंजूरी देने की मांग की है।

नीट से छूट ही एकमात्र समाधानः विजय

अभिनेता विजय ने कहा कि देश को नीट की जरूरत नहीं है। नीट से छूट ही एकमात्र समाधान है। अभिनेता ने राज्य विधानसभा में पारित नीट के खिलाफ प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं का सम्मान करे।

'शिक्षा को समवर्ती सूची से राज्य सूची में लाया जाए'

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विजय ने शिक्षा को समवर्ती सूची से राज्य सूची में लाने की बात कही। उन्होंने कहा, "अंतरिम समाधान के रूप में, भारतीय संविधान में संशोधन कर एक 'विशेष समवर्ती सूची' बनाई जानी चाहिए और इसके तहत शिक्षा और स्वास्थ्य को जोड़ा जाना चाहिए।"

इससे पहले, डीएमके के राज्यसभा सदस्य पी. विल्सन ने केंद्र सरकार से कहा कि या तो नीट को समाप्त किया जाए या तमिलनाडु के नीट छूट विधेयक को मंजूरी दी जाए ताकि राज्य को इस प्रतियोगी परीक्षा से बाहर किया जा सके। साल 2021 में तमिलनाडु सरकार ने राज्य विधानसभा ने बिना नीट मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति देने वाला विधेयक पारित किया था।

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डीएमके ने नीट को समाप्त करने की मांग की

विल्सन ने राज्यसभा में इस विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि विधेयक करीब तीन साल से केंद्र की मंजूरी के लिए लंबित है, जिससे छात्रों और अभिभावकों में चिंता पैदा हो रही है। डीएमके सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य सरकार द्वारा पारित विधेयक को मंजूरी देने या नीट को समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम में संशोधन करने की मांग की है।

गौरतलब है कि नीट पेपर लीक विवाद के बाद बीते शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार ने नीट के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया और केंद्र सरकार से राज्य को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा से छूट देने और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणामों के आधार पर छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश देने की अनुमति देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रस्ताव पेश किया जिसमें कहा गया, नीट को समाप्त कर दिया जाना चाहिए।

एमके स्टालिन ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा खत

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राज्य को नीट आयोजित करने से छूट दी जाए। पीएम मोदी को संबोधित पत्र में स्टालिन ने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए चयन प्रक्रिया केवल कक्षा 12 के अंकों के आधार पर होनी चाहिए, जिससे छात्रों को होने वाले अनावश्यक अतिरिक्त तनाव से राहत मिलेगी।

पूरे देश में नीट पेपर लीक मामले को लेकर जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है। इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है और परीक्षा में अनियमितताओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय स्तर पर नीट को खत्म करने का भी आग्रह किया।

स्टालिन ने पत्र में कहा, "इस संबंध में हमने विधानसभा में सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया था, जिसमें तमिलनाडु को नीट से छूट देने और 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल में प्रवेश देने की बात कही गई थी। इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है, लेकिन मंजूरी अभी भी लंबित है।"

कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को स्टालिन ने लिखा पत्र

स्टालिन ने कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पत्र लिखकर नीट के खिलाफ प्रस्ताव पर विचार करने को कहा है। उन्होंने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के अपने समकक्षों को लिखे अलग-अलग पत्रों में अनुरोध किया कि वे अपने-अपने विधानसभा में नीट को समाप्त करने के लिए एक समान प्रस्ताव पर विचार करें।

पीएम मोदी ने क्या कहा?

विपक्ष इस मुद्दो को लेकर केंद्र पर लगातार हमले बोल रहा है और नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहा है। इस पर मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि "सरकार नीट के मुद्दे को लेकर बेहद चिंतित है और अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, जो लोग इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लोग लगातार गिरफ्तार किए जा रहे हैं। हमने इस मामले में पहले ही एक मजबूत कानून बनाया है।

देशभर में नीट पेपर लीक को लेकर हंगामा मचा हुआ है। नीट में कई अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनमें कथित पेपर लीक भी शामिल है। वहीं यूजीसी-नेट को रद्द कर दिया गया क्योंकि शिक्षा मंत्रालय को इनपुट मिले थे कि परीक्षा की सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया है। दोनों मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है।

नीट के खिलाफ रही है स्टालिन सरकार

पिछले कुछ वर्षों में तमिलनाडु में नीट के आयोजन के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए, जब कई छात्रों ने परीक्षा में असफल होने के बाद अपनी जान दे दी। कुछ छात्रों ने परीक्षा लिखने के डर से आत्महत्या कर ली। तमिलनाडु में 2017 में नीट की शुरुआत के बाद से अनुमानित 24 छात्रों ने आत्महत्या की।

तमिलनाडु में नीट एक लगातार मुद्दा रहा है और इस परीक्षा को गरीब विरोधी और सरकारी स्कूलों और ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों के साथ भेदभावपूर्ण माना जाता है। 2023 में नीट के नतीजे आने के बाद 19 साल के एक लड़के जगतेश्वरन ने परीक्षा में 400 अंक हासिल करने के बाद भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली थी। उसके पिता ने भी अपने बेटे का गम बर्दाश्त नहीं कर पाए और उन्‍होंने भी जहर खाकर जान दे दी।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके. स्टालिन ने तब कहा था कि द्रमुक और तमिलनाडु सरकार हमेशा से नीट का विरोध करती रही है और छात्रों से कहा था कि भविष्य में नीट परीक्षा को समाप्त किया जा सकता है। स्टालिन ने कहा था, "तमिलनाडु सरकार नीट को खत्म करने के लिए कदम उठा रही है और छात्रों को परीक्षा से डरकर कोई भी अतिवादी कदम नहीं उठाना चाहिए।"