डिजिटल अटेंडेंसः पहले दिन 2% शिक्षकों ने लगाई ऑनलाइन हाजिरी, शिक्षा विभाग ने दिखाई सख्ती

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Digital Attendance: 2% teachers marked online attendance on the first day, Education Department showed strictness

Digital Attendance: 2% teachers marked online attendance on the first day, Education Department showed strictness फोटोः @abhinav019

लखनऊः उत्तर प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर काफी हंगाम मचा है।  प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के हजारों शिक्षकों ने इस इस व्यस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर हैशटैग #boycottonlineattendance ट्रेंड कर रहा हैं।  इस बड़े पैमाने पर ऑनलाइन विरोध ने शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के बीच काफी चिंता पैदा कर दी है।

ऑनलाइन हाजिरी का क्यों हो रहा विरोध

8 जुलाई से लागू की गई इस व्यवस्था का शिक्षक संघ विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि शिक्षकों का तर्क है कि दूरदराज के गांवों में खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी के कारण ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना मुश्किल हो जाता है। बरसात के मौसम में, कई स्कूलों में पानी भर जाता है, जिससे समय पर उपस्थिति दर्ज कराना और भी मुश्किल हो जाता है। शिक्षकों को डर है कि इन मुद्दों के कारण देरी से आने पर उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा और उनकी छुट्टी काट ली जाएगी।

पहले दिन यानी सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों में काली पट्टी बांधकर शिक्षकों ने इसका विरोध जताया। मंगलवार बड़े स्तर पर शिक्षक संघ द्वारा विरोध देखा गया। शिक्षकों के इस विरोध को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का भी साथ मिला।

सपा प्रमुख ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ''कोई शिक्षक देर से स्कूल नहीं पहुंचना चाहता है लेकिन कहीं सार्वजनिक परिवहन देर से चलना इसका कारण बनता है, कहीं रेल का बंद फाटक और कहीं घर से स्कूल के बीच की पचासों किमी की दूरी क्योंकि शिक्षकों के पास स्कूल के पास रहने के लिए न तो सरकारी आवास होते हैं, न दूरस्थ इलाकों में किराये पर घर उपलब्ध होते हैं। इससे अनावश्यक तनाव जन्म लेता है और मानसिक रूप से उलझा अध्यापक कभी जल्दबाज़ी में दुर्घटनाग्रस्त भी हो सकता है''।

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शिक्षा विभाग ने दिखाई सख्ती

हालांकि शिक्षा विभाग इसपर सख्त हो गया है। शिक्षक संघों ने मंगलवार को दावा किया कि उन्नाव में एक जिलाधिकारी ने विरोध करने वाले शिक्षकों की तनख्वाह रोकने का आदेश दिया है। उन्नाव में सोमवार (8 जुलाई) को पहली बार लागू हुई ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था में कई शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपना नाम दर्ज नहीं कराया।

बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) उन्नाव, संगीता सिंह ने बताया कि विभाग के निर्देशों का पालन न करने के कारण सभी परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन और मानदेय अगले आदेश तक रोक दिया गया है।

पहले दिन सिर्फ 2 प्रतिशत शिक्षकों ने लगाई ऑनलाइन हाजिरी

पहले दिन (8 जुलाई) को सिर्फ 2 प्रतिशत शिक्षकों ने ही डिजिटल हाजिरी लगाई। उन्नाव में 12,229 शिक्षकों में से केवल 56 ने ही पहले दिन ऑनलाइन हाजरी लगाई। इससे पता चलता है कि शिक्षक राज्य सरकार के मनमाने फैसले के खिलाफ लड़ने के लिए दृढ़ हैं।

विभिन्न शिक्षक संघों का कहना है कि विभाग वेतन रोककर उनके आंदोलन को दबा नहीं सकता क्योंकि शिक्षक विभाग के साथ निर्णायक लड़ाई लड़ना चाहते हैं। 8 जुलाई को, पूरे उत्तर प्रदेश में कुल 6.09 लाख सरकारी शिक्षकों और 'शिक्षा मित्रों' (पैरा शिक्षकों) में से केवल 2% ने ही लागू होने के पहले दिन ऑनलाइन हाजिरी लगाई। इसका मतलब है कि 6.09 लाख शिक्षकों में से केवल 16,015 ने ही हाजरी लगाई।

 

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