नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में गुरुवार को सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों ने नजफगढ़ का नाम बदलने की मांग की। साथ ही, सदन के बाहर भाजपा नेताओं ने विपक्षी आम आदमी पार्टी पर झूठ की राजनीति करने का आरोप लगाया। 

भाजपा विधायक नीलम पहलवान ने विधानसभा में नजफगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने इसे नाहरगढ़ का नया नाम देने की मांग की है।

समाचार एजेंसी IANS से नीलम पहलवान ने कहा, 'नजफगढ़ का प्राचीन इतिहास रहा है। बादशाह आलम शाह ने नजफगढ़ की जनता पर बहुत सारे अत्याचार किए थे। उन्होंने हिंदुओं का कत्लेआम किया और हमारी विरासत तथा धरोहर को चकनाचूर कर दिया था। आज नजफगढ़ की जनता ने मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया है कि मैं जनता की आवाज को सदन में रख सकूं।'

उन्होंने आम आदमी पार्टी को "फटा ढोल" बताते हुए कहा कि उसे सिर्फ बजने से मतलब है, कोई काम नहीं है। वे क्या बोलते हैं, मुझे इससे कोई मतलब नहीं है। मैं सिर्फ इतना चाहती हूं कि नजफगढ़ की जनता की उम्मीदों पर खरी उतरूं।"

मोहम्मदपुर गांव का भी नाम बदलने की मांग

आरके पुरम विधानसभा से भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने भी मीडिया से बात करते हुए मोहम्मदपुर गांव का नाम माधवपुरा करने की मांग की। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "गांव का नाम मोहम्मदपुर है और वह आरके पुरम विधानसभा में ही आता है। मैं आने वाले समय में विधानसभा में स्पीकर से मांग करूंगा कि गांव का नाम बदलकर माधवपुरा किया जाए, क्योंकि यही क्षेत्र के लोगों की इच्छा है। अगर जनता चाहेगी तो उसे करना हमारा फर्ज है।"

उन्होंने कहा, "इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया और महाकुंभ में 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने वहां जाकर स्नान किया। उत्तर प्रदेश कितनी तरक्की कर रहा है, यह सब देख रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या नाम बदलने से वहां की तरक्की नहीं हो रही है? पीएम मोदी के नेतृत्व में दिल्ली में भी विकास होगा।"

कैलाश गहलोत ने जताया नजफगढ़ का नाम बदलने को समर्थन

कैलाश गहलोत ने भी नजफगढ़ का नाम बदलने की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "नजफगढ़ के लोगों की अहम भूमिका रही और मैं नाम बदलने की मांग का पूरा समर्थन करता हूं। मैं आम आदमी पार्टी को बताना चाहूंगा कि वह झूठ की राजनीति बंद करे, क्योंकि दिल्ली की जनता ने उन्हें ठुकरा दिया है। मुझे ऐसा लगता है कि पंजाब के लोग भी दिल्ली की तरह उन्हें जवाब देंगे।"

भाजपा विधायक ओ.पी. शर्मा ने दिल्ली विधानसभा में सीसीटीवी कैमरा घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, "सीसीटीवी कैमरा घोटाला एक बड़ा घोटाला है। हर विधानसभा में चार हजार सीसीटीवी कैमरे लगने थे। मेरी विधानसभा में पहले फेस में लगने वाले दो हजार कैमरे लगाए जाने थे। दिल्ली सरकार ने इसकी पेमेंट भी कर दी थी, लेकिन इसे नहीं लगाया गया। मैंने इस मुद्दे को सदन में उठाया और इसकी जांच की मांग की है, ताकि मेरे विधानसभा क्षेत्र में चार हजार कैमरे लगाए जा सकें।"

(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)