दिल्लीः यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर, बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए जारी की गई चेतावनी

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी निशान को पार कर गया है। मानसूनी सीजन में लगातार हो रही बारिश के चलते प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों में भी जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।

delhi yamuna water level crossed warning mark flood like situation

दिल्ली में बढ़ा यमुना का जलस्तर Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः दिल्ली का यमुना नदी का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 204.88 मीटर तक पहुंच गया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह चेतावनी के निशान (204.5) मीटर से ऊपर है। खतरे का निशान 205.3 मीटर है और 206 मीटर पर निकासी शुरू हो गई है। पुराना रेलवे पुल इसके लिए 

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सभी एजेंसियों को बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए चेतावनी जारी की गई है।

लगातार बारिश के चलते पैदा हुई चिंताजनक स्थिति

एएनआई के मुताबिक, यह चिंताजनक स्थिति मानसू सीजन में लगातार हो रही बारिश के चलते पैदा हुई है। मानसूनी सीजन में भारी बारिश के चलते राष्ट्रीय राजधानी सहित देश भर में लंबे समय तक जलभराव और बाढ़ की स्थिति रही।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, वाराणसी जैसे शहरों में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसी स्थिति है। शहरों में जलभराव से आमजनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों को आवाजाही और दैनिक कार्यों को करने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। वाराणसी में कई घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। 

बीते शनिवार को वाराणसी में गंगा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई। ऐसा लगातार पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश के चलते हुआ है।

यमुना नदी का बढ़ा जलस्तर

इसी तरह उत्तराखंड के ऋषिकेश में भारी बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि नदी का जल स्तर इतना बढ़ गया कि आरती स्थल के पास भगवान शिव की मूर्ति को छू रहा है। 

इसी तरह हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून का भयावह रूप देखा गया है। बीते दो महीनों में यहां पर करीब 199 लोग मारे गए हैं और लगभग 1900 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से यह आंकड़े जारी किए गए हैं। 

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 5 अगस्त को बादल फटने से 5 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं। यहां पर राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना, पुलिस और अन्य दल लगे हुए हैं। 

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