दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 6 जून को हिमाचल प्रदेश को आदेश दिया कि वह दिल्ली को पानी की कमी से निपटने में मदद करने के लिए उसके पास उपलब्ध 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़े। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की ओर से हरियाणा को पूर्व सूचना देकर 7 जून को पानी छोड़ा जाएगा और अपर यमुना रिवर बोर्ड आगे की आपूर्ति के लिए पानी को मापेगा।
शीर्ष अदालत ने हरियाणा को पेयजल संकट को कम करने के लिए हथिनीकुंड से वजीराबाद तक ज्यादा मौजूद पानी को दिल्ली में निर्बाध रूप से प्रवाहित करने की सुविधा देने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा, ‘चूंकि हिमाचल को कोई आपत्ति नहीं है, इसलिए हम निर्देश देते हैं कि वह अपस्ट्रीम से 137 क्यूसेक पानी भेजेगा, ताकि पानी हथिनीकुंड बैराज तक पहुंचे और वजीराबाद के माध्यम से दिल्ली पहुंचता रहे। जब भी अतिरिक्त पानी हिमाचल प्रदेश की ओर से पूर्व सूचना के साथ छोड़ा जाता है तो हरियाणा हथिनीकुंड से वजीराबाद तक पानी के प्रवाह को सुविधाजनक बनाए ताकि यह बिना किसी रुकावट के दिल्ली पहुंच सके ताकि यहां के लोगों को पीने का पानी मिल सके।’
दिल्ली को हिदायत-पानी बर्बाद नहीं हो
अदालत ने अपर यमुना रिवर बोर्ड से हथनीकुंड में हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए पानी को मापने के लिए भी कहा है। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा पानी की बर्बादी नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने 10 जून तक दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और यमुना बोर्ड से स्थिति रिपोर्ट भी मांगी।
यह निर्देश दिल्ली में जल संकट और भीषण गर्मी के बीच आया है। दिल्ली सरकार ने पानी सप्लाई के मामले में तत्काल हस्तक्षेप के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने कहा था कि वजीराबाद बैराज में जल स्तर में भारी गिरावट आई है। दिल्ली सरकार ने 31 मई को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और हिमाचल प्रदेश द्वारा दिल्ली के लिए उपलब्ध कराए गए सरप्लस पानी को जारी करने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग रखी थी।
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने 2 जून को उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में पानी की भारी कमी के कारण अतिरिक्त पानी जारी करने का अनुरोध किया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा का ‘आप’ पर हमला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। दिल्ली बीजेपी ने फैसले के बाद आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है। भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को अधिक जल जारी करने के लिए कहा गया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक महीने से दिल्ली में जल संकट के दौरान हमने देखा कि दिल्ली की मंत्री आतिशी बीजेपी शासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को रोमांचक पत्र लिख रही थीं, जानते हुए कि वे पहले से ही अधिक जल दे रहे हैं। हमारे अनुरोध के बावजूद, उसने कभी अपने इंडी गठबंधन साथी कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश को पत्र नहीं लिखा लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा या उत्तर प्रदेश से नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश से अधिक जल जारी करने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल सरकार को उनके जल संकट के बीच गंदी राजनीति के लिए कभी माफ नहीं करेंगे। गौरतलब है कि बीते कई दिनों से दिल्ली में लगातार जल संकट बना हुआ है और इसके लिए दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार पर अतिरिक्त पानी न देने का आरोप लगाया था।