नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण के उपायों को सख्ती से लागू नहीं करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने पूछा कि दिल्ली में 113 चेक पोस्ट पर सिर्फ 13 जगह ही सीसीटीवी क्यों लगे हैं।
जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने दिल्ली सरकार और पुलिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि स्टेज-4 के तहत प्रदूषणकारी वाहनों की एंट्री रोकने में विफलता हुई है। अदालत ने कहा, ”यह स्पष्ट है कि 113 एंट्री प्वाइंट्स में से केवल 13 पर ही निगरानी हो रही है। बाकी पॉइंट पर प्रतिबंध का कोई प्रभाव नहीं है।” पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार का कौन अधिकारी कहाँ है, इसकी जानकारी नहीं है। शहर में ट्रक कैसे घुस जा रहे हैं?
पर्यावरण प्रबंधन आयोग की ग्रैप-4 पर छूट की मांग
पर्यावरण प्रबंधन आयोग (CAQM) की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत से ग्रैप-4 से ग्रैप-3 पर आने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा, “ग्रैप-4 पूरी तरह से जीवन को बाधित कर रहा है। अब प्रदूषण स्तर ग्रैप-2 पर है, लेकिन अदालत के निर्देशों के कारण ग्रैप-4 के प्रतिबंध लागू हैं।”
एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने भी सहमति जताते हुए कहा कि ग्रैप-4 एक आपातकालीन उपाय है और इसके सामाजिक परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
स्कूल बंद होने पर अभिभावकों ने जताई चिंता
कुछ अभिभावकों का प्रतिनिधित्व करने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने अदालत को बताया कि स्कूल बंद होने से कामकाजी वर्ग और विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के माता-पिता प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे घरों की हवा स्कूलों से अधिक साफ होने का कोई प्रमाण नहीं है। साथ ही, गरीब परिवारों के पास एयर प्यूरीफायर या ऑनलाइन कक्षाओं के लिए जरूरी डिवाइस लैपटॉप, स्मार्टफोन नहीं होते। लॉकडाउन के दौरान भी हमारे साथ ऐसा हुआ था, जब हमारे कई बच्चे स्थायी रूप से स्कूली शिक्षा प्रणाली से दूर हो गए थे।”
सीसीटीवी रिकॉर्डिंग सौंपने और वकीलों की टीम तैनात
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि ग्रैप 4 लागू होने की तिथि से सभी प्रवेश बिंदुओं पर लगे सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग तुरंत अदालत को सौंपी जाए। इसके अलावा, अदालत ने 13 युवा वकीलों की टीम को कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया, जो इन प्रवेश बिंदुओं पर जाकर ग्रैप-4 के कार्यान्वयन की स्थिति की जांच करेंगे। वे अपनी रिपोर्ट 25 नवंबर को अदालत में प्रस्तुत करेंगे।
न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि ग्रैप-4 के उपायों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए अदालत इसकी समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कि इसे जारी रखने की जरूरत है या इसमें संशोधन किया जाना चाहिए।”
दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’, औसत AQI 371
शुक्रवार सुबह दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 371 रहा। आनंद विहार, बवाना, और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में एक्यूआई 400 से अधिक दर्ज हुआ, जबकि अन्य स्थानों पर 350-390 के बीच रहा। प्रदूषण घटाने के लिए केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का सुझाव दिया है। वहीं, लोगों को मास्क पहनने और बाहरी गतिविधियां सीमित रखने की सलाह दी गई है।