सोनम वांगचुक समेत 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने लिया हिरासत में, जानें वजह और उनकी मांग (फोटो-X@Wangchuk66/ IANS)
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नई दिल्ली: लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत लगभग 120 लोगों को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है। ये लोग अपनी मांगो को लेकर दिल्ली के तरफ बढ़ रहे थे तभी सोमवार की रात को उन्हें हिरासत में लिया गया है।
सोनम और उनके लोगों द्वारा यह मार्च एक सितंबर से लेह से शुरू किया गया था जो दिल्ली में खत्म होने वाला था। हिरासत से पहले सोनम ने वीडियो शेयर कर इसकी जानकारी दी है।
दिल्ली पुलिस द्वारा उन लोगों को हिरासत में लेने को लेकर विपक्ष के कई नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा की है। वहीं कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए पुलिस ने सोनम और उनके साथियों के हिरासत को उचित ठहराया है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में छह दिनों के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू किया गया है। इसके तहत अगले छह दिनों तक दिल्ली में विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है।
सोनम वांगचुक ने क्या कहा है
सोनम वांगचुक ने बताया कि उन लोगों की योजना सोमवार रात को दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर ठहरने की थी। लेकिन उससे पहले उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस द्वारा सोनम और उनके साथ आए लोगों को पहले वापस जाने को कहा गया था और फिर हिरासत में लिया गया है।
जलवायु कार्यकर्ता ने बताया कि उन्हें पहले लगा कि पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करने के लिए आई है लेकिन बाद में फिर यह पता चला कि उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है। उन लोगों को नजदीकी पुलिस स्टेशन में ले जाया गया है। मार्च में शामिल महिलाओं को हिरासत में नहीं लिया गया है।
विपक्ष ने भी दी है प्रतिक्रिया
हिरासत को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए इसे "अस्वीकार्य" बताया है। आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस द्वारा लागए गए कर्फ्यू पर सवाल उठाया है।
सौरभ ने हिरासत को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दबाने की एक कोशिश बताया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की है। केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी में हर किसी को आने का अधिकार है।
क्या है सोनम वांगचुक और उनके लोगों की मांग
सोनम वांगचुक और उनके लोग अपनी चार मुख्य मांगों को लेकर लेह से इस मार्च को एक सितंबर से शुरू किया था। उनकी पहली मांग में लद्दाख को एक राज्य का दर्जा दिलाना है। सोनम और उनके लोगों की दूसरी मांग लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना है।
इस अनुसूची में लद्दाख के शामिल होने से स्थानीय आबादी को उनकी जमीन और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने के लिए कानून बनाने को लेकर उन्हें शक्ति मिल जाएगी।
तीसरी मांग में लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटें प्रदान करना है। उनकी चौथी मांग में एक सार्वजनिक सेवा आयोग का गठन करना है साथ ही इससे जुड़ी भर्ती प्रक्रिया में नियुक्तियों में तेजी लाना है।
बता दें कि साल 2019 से पहले जम्मू और कश्मीर और लद्दाख एक में था। लेकिन पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया था।
इसके बाद से जम्मू और कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग हो गए थे और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।
इस कारण दिल्ली में लगी है धारा 163
दिल्ली में एक अक्टूबर से लेकर अगले छह दिन तक भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू कर दी गई है। इस धारा को पहले धारा 144 के नाम से जाना जाता था। दिल्ली की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए यह कमद उठाया गया है।
अक्टूबर के पहले हफ्ते में कई संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था जिसे देखते हुए यह रोक लगाई गई है। धारा 163 लागू होने के कारण राजधानी के कुछ क्षेत्रों में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने और विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है।
दिल्ली पुलिस के नोटिस में इसके उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई करने की बात कही गई है।