नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। भूकंप झटके महसूस होते ही कई इलाकों में लोग अपने घरों और इमारतों से बाहर निकल गए। हालांकि, अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।

जानकारी के मुताबिक, भूकंप के झटके सुबह 9:04 बजे महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर में कंपन महसूस किया गया। कुछ सेकंड तक चली इस कंपन से लोगों को डर का अहसास हुआ, खासकर ऊंची इमारतों में रह रहे लोग अचानक बाहर निकल आए।

हरियाणा का झज्जर था भूकंप का केंद्र

भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 रही। राजधानी दिल्ली के अलावा भूकंप के झटके नोएडा और गुरुग्राम में भी महसूस किए गए। यहा कई कंपनियां और कार्यालाय हैं। भूकंप के झटके के बीच कई लोग भागते हुए अपने कार्यालयों से बाहर निकल आए। झज्जर में भूकंप के केंद्र से लगभग 200 किलोमीटर दूर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ और शामली तक भी भूकंप के झटके महसूस किए जाने की खबर है।

इसी साल फरवरी में भी आया था भूकंप

इससे पहले, 17 फरवरी को दिल्ली और पूरे एनसीआर में सोमवार सुबह 5:36 बजे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि जो लोग सो रहे थे, उनकी नींद टूट गई, और जो जाग रहे थे, वे दहशत में आ गए। लोगों ने तत्काल अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली और कुछ समय तक बाहर ही रुके रहे। भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था और इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही।

भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी धरती की सतह मुख्य रूप से सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है। ये प्लेट्स लगातार हरकत करती रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं। इस टक्कर के परिणामस्वरूप प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण वे टूट भी सकती हैं। ऐसे में, नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब जमीन के अंदर से बाहर आती है, तो भूकंप आता है।

(समाचार एजेंसी IANS इनपुट के साथ)