दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) तब्लीगी जमात मामले में दर्ज 16 मामलों को खारिज कर दिया है। इन मामलों में साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। इन लोगों पर तब्लीगी जमाते में उपस्थित लोगों को अपने घरों या मस्जिदों में आश्रय देने का आरोप लगाया। 

जस्टिस नीना बंसल ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा "आरोपपत्र खारिज किए जाते हैं।"

दिल्ली पुलिस ने कई धाराओं में लगाए थे आरोप

दिल्ली पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और विदेशी अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश समेत कई धाराओं में आरोप लगाए थे। 

पुलिस कर्मियों ने इस मामले में 195 विदेशी नागरिकों के भी नाम दिए थे। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, इनमें से अधिकतर लोगों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दायर नहीं की।

दिल्ली हाई कोर्ट में 2021 में दायर की गई याचिका

जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी, उन लोगों ने एफआईआर रद्द करने के लिए साल 2021 में हाई कोर्ट का रुख किया था। इन लोगों ने हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा था कि निषेधाज्ञा केवल धार्मिक सभाओं और समारोहों पर रोक लगाती है और इनमें केवल उपस्थित लोगों को आश्रय दिया गया है। इन लोगों ने दावा किया था कि एफआईआर अनुचित, मनगढ़ंत और कानून असमर्थनीय हैं। इन लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें निराधार आरोपों का सामना करने के लिए मजबूर किया गया है। यह उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है।  

दिल्ली पुलिस ने हालांकि इन याचिकाओं को यह कहते हुए विरोध जताया था कि आरोपनियों ने न केवल दिल्ली सरकार द्वारा जारी निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन किया है बल्कि बीमारी को फैलाने में भी इनकी भूमिका है।