नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को तुर्की की एयरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी (Celebi) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए केंद्र सरकार द्वारा कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। सरकार ने 15 मई को तुर्की की कंपनी की सुरक्षा मंजूरी खत्म करने की घोषणा की थी।

भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की के पाकिस्तान को मदद पहुंचाने के बाद ये बड़ा कदम उठाया था। सरकार ने भारतीय हवाई अड्डों पर तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग फर्म सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज के लिए सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी।। सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (CASIPL) ने सरकार के इस कदम को मनमाना और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं की वजहों को 'अस्पष्ट' बताया था।

अपनी याचिका में, सेलेबी ने तर्क दिया कि आदेश में कोई ठोस तर्क नहीं था और इसे बिना किसी पूर्व सूचना के जारी किया गया था। कंपनी ने कहा, 'किस तरह से खतरा है, इस पर विस्तार से बताए बिना राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में सिर्फ़ बयानबाज़ी करना...कानून के हिसाब से उचित नहीं है।' सेलेबी ने चेतावनी दी कि इस फ़ैसले से 3,791 नौकरियाँ, निवेशकों का भरोसा प्रभावित होगा और जरूरी एयरपोर्ट सेवाएँ भी बाधित होंगी।

मुंबई एयरपोर्ट पर सेलेबी संभालती है 70% ग्राउंड ऑपरेशन

तुर्की की यह कंपनी मुंबई एयरपोर्ट पर लगभग 70 प्रतिशत ग्राउंड ऑपरेशन संभालती है। इसमें यात्री सेवाएँ, लोड कंट्रोल, फ्लाइट ऑपरेशन, कार्गो और डाक सेवाएँ, गोदाम और ब्रिज ऑपरेशन शामिल हैं।

नागरिक उड्डयन एवं सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि हमें पूरे भारत से सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जो भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं संचालित करने वाली एक तुर्की कंपनी है।

मंत्री ने पोस्ट किया, 'इस मुद्दे की गंभीरता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के आह्वान को समझते हुए, हमने इन अनुरोधों का संज्ञान लिया है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उक्त कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है। राष्ट्र की सुरक्षा और हितों को सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।'

बता दें कि 2008 में भारत में एंट्री के बाद कंपनी ने देश के के विमानन क्षेत्र में लगातार अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है। रिपोर्टों के अनुसार, इस फर्म का आंशिक स्वामित्व तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोगन के पास है। सुमेये एर्दोगन की शादी सेल्कुक बेराकटार से हुई है, जो बेराकटार सैन्य ड्रोन का उत्पादन करता है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था।