नई दिल्लीः दिल्ली में हाल ही में बनी भाजपा सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) शासनकाल में की गई 177 राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। ये नियुक्तियां विभिन्न बोर्डों, निगमों और आयोगों के चेयरमैन व उपाध्यक्ष के रूप में की गई थीं।

सेवा विभाग द्वारा जारी आदेश में इस बात की पुष्टि की गई है कि सभी राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है। इससे पहले फरवरी में भी दिल्ली सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालयों में की गई सह-समाप्ति (co-terminus) नियुक्तियों को समाप्त कर दिया था।

सरकार ने 17 संवैधानिक संस्थाओं में नामांकन रद्द किये

आधिकारिक आदेश के अनुसार, दिल्ली सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड, पशु कल्याण बोर्ड, दिल्ली हज कमेटी, तीर्थयात्रा विकास समिति, उर्स कमेटी, हिंदी अकादमी, उर्दू अकादमी, साहित्य कला परिषद, पंजाबी अकादमी और संस्कृत अकादमी समेत 17 संवैधानिक संस्थाओं में अपने नामांकन रद्द कर दिए हैं।

2024 में आप सरकार ने पार्टी विधायक पवन राणा को दिल्ली जल बोर्ड का चेयरमैन, विधायक विनय मिश्रा को वाइस चेयरमैन, और आप नेता जितेंद्र तोमर की पत्नी प्रीति तोमर को सदस्य नियुक्त किया था। इसी प्रकार, पूर्व विधायक अब्दुल रहमान और हाजी यूनुस को हज कमेटी में, जरनैल सिंह को पंजाबी अकादमी का उपाध्यक्ष, अजेश यादव को कृषि विपणन बोर्ड का चेयरमैन और आदिल अहमद खान को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

भाजपा सरकार के सूत्रों ने बताया कि ये सभी नियुक्तियां राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से की गई थीं और इन्हें हटाना आवश्यक था।

झुग्गीवासियों के लिए ‘अच्छे दिन’ का वादा

8 अप्रैल को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग क्षेत्र में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने घोषणा की कि झुग्गीवासियों के लिए "अच्छे दिन" शुरू हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के 700 करोड़ रुपये झुग्गीवासियों की स्थिति सुधारने में खर्च किए जाएंगे। 10 साल पहले बने 52,000 फ्लैटों का नवीनीकरण कर उन्हें झुग्गीवासियों को सौंपा जाएगा।

पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “झुग्गीवासियों को गुमराह किया गया कि भाजपा सरकार उनके लिए कुछ नहीं करेगी। लेकिन आज हमारी सरकार जल, पार्क, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं दे रही है और हर गरीब नागरिक से किए गए वादों को निभा रही है।”