नई दिल्लीः दिल्ली सरकार द्वारा 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगाए गए फ्यूल बैन को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। अब इन 'एंड ऑफ लाइफ' (EOL) वाहनों को 1 नवंबर से ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह प्रतिबंध दिल्ली समेत एनसीआर के पांच जिलों- गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद और सोनीपत- में भी एक साथ लागू होगा।
क्या है पूरा मामला?
1 जुलाई को दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए यह नियम लागू किया था कि 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं मिलेगा। इस आदेश के तहत फ्यूल स्टेशन पर ऑटोमैटिक कैमरा सिस्टम से वाहनों की उम्र की पहचान की जानी थी और उल्लंघन पर ट्रैफिक पुलिस चालान या जब्ती की कार्रवाई करती।
विरोध के बाद लिया गया फैसला
इस फैसले का व्यापक विरोध हुआ, खासकर मध्यम वर्ग और पुरानी कारों की मरम्मत समर्थक नीति के पक्षधर लोगों की ओर से। एलजी वीके सक्सेना ने भी दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया कि इस प्रतिबंध को रोका जाए। उन्होंने कहा कि लोग अपने जीवनभर की कमाई से वाहन खरीदते हैं और थोड़ी चल चुकी गाड़ियों को स्क्रैप करना अन्यायपूर्ण है।
सरकार की सफाई और नया शेड्यूल
विवाद के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार नए सिस्टम पर काम कर रही है और पुरानी गाड़ियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का तरीका बदलेगी। इसके बाद सरकार ने 1 जुलाई से लागू बैन को फिलहाल हटा दिया।
दिल्ली सरकार की इस अपील पर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने मंगलवार को बैठक कर निर्णय लिया कि 1 नवंबर से पूरे दिल्ली-एनसीआर में एक साथ यह नियम लागू किया जाए।