नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद हैं। ऐसे में इस बार स्वतंत्रता दिवस पर झंडा कौन फहराएगा, इसे लेकर विवाद चल रहा था। एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना आमने-सामने थे। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कैबिनेट मंत्री आतिशी द्वारा झंडा फहराने का प्रस्ताव भेजा था हालांकि इसे ठुकरा दिया गया। विवाद के बीच उपराज्यपाल ने अब गृह मंत्री कैलाश गहलोत को इस जिम्मेदारी के लिए नामित किया है।

समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय के सुझाव के बाद एलजी सक्सेना ने गृह मंत्री कैलाश गहलोत को 15 अगस्त को झंडा फहराने के लिए नामित किया है। पिछले हफ्ते उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लिखे पत्र में सीएम केजरीवाल ने कहा था कि कैबिनेट मंत्री आतिशी उनकी जगह दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि दिल्ली के उपराज्यपाल दिल्ली के किसी भी मंत्री को नामित कर सकते हैं। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने गृह मंत्री कैलाश गहलोत को तिरंगा फहराने के लिए नामित किया है।

इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिरंगा फहराने के लिए आतिशी को नामित किया था, लेकिन एलजी ने यह कहकर उनकी चिट्ठी वैध मानने से इनकार कर दिया गया कि नियम के मुताबिक जेल से केवल निजी मामलों में ही चिट्ठी लिखी जा सकती है।

गोपाल राय ने दिए थे निर्देश

केजरीवाल के प्रस्ताव के बाद सामान्य प्रशासन मंत्री गोपाल राय ने भी सोमवार को विभाग को निर्देश दिया था कि वह मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार आतिशी द्वारा ध्वज फहराने की व्यवस्था करें। हालांकि, मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री का निर्देश कानूनी रूप से अमान्य है और उस पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। जेल में बंद सीएम किसी को झंडा फहराने के लिए अधिकृत नहीं कर सकते।

दरअसल बीते सोमवार को दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने तिहाड़ में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। उसके बाद उन्होंने दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को 15 अगस्त के दिन झंडारोहण की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए थे और कहा था कि अरविंद केजरीवाल के मुताबिक इस बार झंडारोहण दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी करेंगी।

गोपाल राय के जारी किए गए पत्र पर जवाब देते हुए जीए डिपार्टमेंट ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस सर्वोच्च संवैधानिक पवित्रता वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम हैं। उन्हें उनके योग्य कद के अनुसार मनाने के लिए विस्तृत प्रावधान है। इसमें कोई भी विचलन या अधीनता न केवल उनसे जुड़ी पवित्रता को कमजोर करेगी, बल्कि वैधानिक अवैधता भी हो सकती है।

जीए डिपार्टमेंट ने क्या दलील दी?

जीएडी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नवीन कुमार चौधरी द्वारा जारी किए गए इस पत्र में लिखा गया, 'मैं आपका ध्यान दिल्ली जेल नियम, 2018 के नियम 585, 588, 620 और 627 की ओर आकर्षित करता हूं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि उपरोक्त संचार अनुमेय संचार में योग्य नहीं है। जिसे जेल के बाहर भेजा जा सकता है। ऊपर परिभाषित लोगों के एक निर्दिष्ट समूह के साथ केवल निजी पत्राचार की अनुमति है। इसलिए, नियमों के उल्लंघन में कोई भी संचार, लिखित या मौखिक, कानूनी रूप से वैध नहीं है और इसलिए उस पर कार्रवाई नहीं की जा सकती।'

इसमें कहा गया है, 'सामान्य प्रशासन विभाग ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए मुख्यमंत्री की उपलब्धता के लिए उनसे सुविधा मांगी। हालांकि, मुख्यमंत्री के कार्यालय ने न्यायिक हिरासत में होने के कारण उनकी अनुपलब्धता का संकेत दिया। इसलिए, इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया गया है और निर्णय की प्रतीक्षा है। सामान्य प्रशासन सभी संबंधित विभागों के साथ पिछले अभ्यास के अनुसार छत्रसाल स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए सभी व्यवस्थाएं कर रहा है।'

(समाचार एजेंसी IANS इनपुट के साथ)