नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज सुबह वोटों की गिनती शुरू होने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर चल रही है। 'आप' ने दावा किया है कि वह सत्ता में वापसी करेगी और अरविंद केजरीवाल चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि, शुरुआती रुझानों के अनुसार केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और मुख्यमंत्री आतिशी सहित इसके शीर्ष नेता अपनी-अपनी सीटों से पीछे चल रहे हैं। रुझानों में भाजपा बहुमत के पार चली गई है।

'आप' के बड़े चेहरे पीछे

केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। वे भाजपा के प्रवेश वर्मा से पीछे चल रहे हैं। जबकि उनके करीबी दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री सिसौदिया जंगपुरा से पीछे चल रहे हैं। आतिशी कालकाजी से बीजेपी के रमेश बिधूड़ी से भी पीछे चल रही हैं.

ओखला से दो बार विधायक रहे आप के अमानतुल्ला खान अपनी सीट से आगे चल रहे हैं। दिल्ली के मंत्री गोपाल राय और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर बाहर चल रहे आप के सत्येंद्र जैन भी बाबरपुर से आगे चल रहे हैं।

चुनाव से पहले आप में शामिल हुए अवध ओझा भी सिसोदिया की पूर्व सीट पटपड़गंज से पीछे चल रहे हैं। राजेंद्र नगर से आप उम्मीदवार दुर्गेश पाठक भी पीछे चल रहे हैं।

रुझानों में भाजपा को बहुमत

समाचार लिखे जाने तक सुबह करीब 9.15 बजे तक भाजपा रुझानों में दिल्ली में 70 सीटों वाली विधानसभा में 44 सीटों पर आगे चल रही थी। वहीं आप केवल 25 सीटों पर आगे है। कांग्रेस एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को मतदान हुआ था। 'आप' ने भाजपा के भ्रष्टाचार के आरोपों का मुकाबला करने के लिए अपने 'दिल्ली मॉडल' का जोरशोर से प्रचार किया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई। दिल्ली में 19 मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती की जा रही है। आज 699 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला होना है।

वोटों की गिनती शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री आतिशी ने आज सुबह कहा कि 'आप' सत्ता में लौटेगी। उन्होंने चुनाव को अच्छाई और बुराई के बीच की लड़ाई बताया।  वहीं, उनके कैबिनेट सहयोगी सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आप कम से कम 40-45 सीटें जीतेगी। 

एग्जिट पोल में भाजपा को बहुमत के अनुमान

इससे पहले 7 फरवरी को चुनाव आयोग ने दिल्ली में पड़े कुल मतदान का आंकड़ा पेश किया था। चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर कुल 60.54 फीसदी मतदान हुआ था।

बताते चलें कि अधिकतर एग्जिट पोल में 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की वापसी का अनुमान लगाया गया है। पार्टी आसानी से 36 सीटों के बहुमत के आंकड़े को छू सकती है और उससे 10-15 सीटें अधिक जीत सकती है। 

आप ने 2020 के चुनाव में 70 में से 62 सीटें जीती थी। जबकि भाजपा को आठ सीटें मिली थी। वहीं, 2013 से पहले तक दिल्ली में 15 साल तक राज करने वाली कांग्रेस पिछले दो विधानसभा चुनावों में अपना खाता खोलने में विफल रही है। इस बार भी उसका प्रदर्शन ऐसा ही रहने का अनुमान है।