दिल्ली विधानसभा में आप विधायकों का प्रदर्शन Photograph: (सोशल मीडिया - एक्स)
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली विधानसभा परिसर में स्कूलों द्वारा फीस नियंत्रित करने वाले विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी विधायकों ने इसे निजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया 'दिखावा' कहा है। इसके साथ ही इसे 'लूट फीस बिल' भी कहा गया है।
दिल्ली विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन दिल्ली स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता विधेयक 2025 पेश किया गया। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने इस विधेयक के खिलाफ विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
इस विधेयक को 4 अगस्त को दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पेश किया था।
आतिशी सिंह ने क्या कहा?
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस विधेयक को एक "सुनियोजित दिखावा" करार दिया है। उन्होंने भाजपा सरकार पर अभिभावकों की बजाय निजी स्कूलों के हितों की रक्षा करने का आरोप भी लगाया।
आतिशी ने आरोप लगाया "यह विधेयक पारदर्शिता के बारे में नहीं है। यह निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि को सुविधाजनक बनाने को लेकर है। भाजपा ने इस विधेयक को अप्रैल से ही लटका रखा है ताकि निजी स्कूल फीस बढ़ा सकें।"
आतिशी ने कहा कि मौजूदा मानसून सत्र में लाए गए विधेयक में बढ़ी हुई फीस वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है और इसमें एक फीस निर्धारण समिति का प्रस्ताव है जो कि स्वंय स्कूल प्रबंधन द्वारा बनाई जाएगी और इसका नेतृत्व भी स्कूल ही करेगा।
प्रवर समिति के समक्ष भेजने की मांग
उन्होंने मांग की कि विधेयक को व्यापक परामर्श के लिए एक प्रवर समिति के पास भेजा जाए और सरकार से आग्रह किया कि जब तक कानून को अंतिम रूप नहीं दिया जाता, तब तक स्कूल फीस को 2024-25 सत्र के लिए स्थिर रखा जाए।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली के अभिभावकों और बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को सुनना होगा। 4 अगस्त को विधेयक पर जारी सत्र की कार्यवाही के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक सदन से बाहर चले गए।
पार्टी ने विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने, अभिभावकों से राय लेने और बढ़ी हुई फीस जो वसूली गई है, उसे रिफंड करने की मांग की है।