लोकसभा चुनाव 2024 के पहले दो चरणों के लिए मतदान प्रतिशत डेटा को देर में जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है। इस विषय पर कोर्ट 17 मई को तुरंत सुनवाई करेगा।
याचिका दायर करने वाले एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रशांत भूषण और नेहा राठी के मौखिक उल्लेख के बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को इसकी घोषणा की है।
याचिका में एडीआर ने चुनाव आयोग (ईसीआई) को कहा है कि वे मतदाता-मतदान डेटा की सही संख्या तुरंत जारी करें। एडीआर ने याचिका में मतदान प्रतिशत डेटा को जारी करने में देरी को लेकर सवाल उठाया है और इस पर चिंता व्यक्त की है।
क्या है पूरा मामला
याचिका में एडीआर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले दो चरणों में चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत डेटा को जारी करने में बहुत देरी की है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हुआ था, जिसका डेटा आयोग ने 11 दिन बाद जारी किया था।
उसी तरह से 26 अप्रैल को हुए दूसरे चरण के चुनाव का डेटा चार दिन बाद अपलोड किया था। याचिका में मांग की गई है कि अदालत चुनाव आयोग को 48 घंटे के भीतर डेटा को अपलोड करने का निर्देश दे।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि वोटिंग के बाद और फिर कई दिनों बाद जारी किए गए डेटा में बड़ा अंतर भी दिखा है। एडीआर ने बाद में जारी डेटा में 5 फीसदी से भी ज्यादा के अंतर पर सवाल उठाया है।
एडीआर के वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि इस तरह से बड़े अंतर से डेटा की सटीकता के बारे में सवाल खड़े हो रहे हैं और इससे सार्वजनिक संदेह भी बढ़ा है।
याचिका में ईसीआई को क्या कहा गया है
एडीआर ने याचिका में यह भी कहा है कि चुनाव आयोग को यह चाहिए कि वह आने वाले हर चरण के चुनाव के बाद फॉर्म 17सी में दर्ज वोट की पूरी जानकारी आयोग अपनी वेबसाइट पर तुरंत अपलोड करे।
यहीं नहीं कोर्ट से यह भी मांग की गई है कि मतदान का पूरा आंकड़ा केंद्र-वार और टेबल के रूप में भी जारी करे। एडीआर ने यह भी मांग की कि हर मतदान केंद्र पर कितने वोट डाले गए हैं, इसकी भी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड हो।
2019 के लोकसभा चुनाव में भी एडीआर ने जताई थी चिंता
इससे पहले एडीआर ने 2019 में हुए लोकसाभा चुनाव में भी इस तरह की चिंता जताई थी। एडीआर ने 2019 में दायर रिट याचिका में 2019 के आम चुनावों के संबंध में मतदाता-मतदान के आंकड़ों में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए एक अंतरिम याचिका के रूप में आवेदन किया था।
मामले में इंडिया गठबंधन ने उठाया है सवाल
इस पूरे मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और इंडिया गठबंधन के नेताओं ने एक संयुक्त चिट्ठी लिखी है जिसमें आंकड़ों के देरी से जारी करने पर सवाल खड़ा किया है।
पत्र में कहा गया है कि वे इस चुनाव में लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। यही नहीं पत्र में आंकड़ों को देरी से जारी करने और डेटा में बड़े अंतर पर इस चुनावों की स्वतंत्र और निष्पक्ष को लेकर चिंता जताई गई है।