नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद साकेत गोखले का वेतन कुर्क करने का आदेश पारित किया। कोर्ट पूर्व भारतीय विदेश सेवा अधिकारी और कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी द्वारा दायर एक निष्पादन याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें जुलाई 2024 में उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश को पालन कराने की मांग की गई थी। 

दरअसल, मानहानि के एक मामले में एकल न्यायाधीश की पीठ ने पिछले साल पुरी को 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया था। हालांकि, गोखले आदेश का पालन करने में विफल रहे। उन्होंने न जुर्माना जमा किया और न ही सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि गोखले एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्र में अपना माफीनामा प्रकाशित कराएं। सोशल मीडिया पर भी माफीनामा डालने का आदेश कोर्ट ने दिया था।

बहरहाल, जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने गौर किया कि पहले के आदेश का पालन करने की समय सीमा 27 अगस्त, 2024 को समाप्त हो चुकी है। इसके बाद कोर्ट ने वेतन कुर्की का आदेश दिया।

इससे पहले अप्रैल 2025 में, पुरी ने मानहानि के मुकदमे को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के गोखले के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। वहीं, कोर्ट ने पुरी को राहत देते हुए गोखले को उनके खिलाफ अपने आरोपों के बारे में सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर आगे कोई बयान देने से भी रोक दिया था।

अदालत ने सोशल मीडिया पोस्ट के प्रभाव की तुलना एक अनियंत्रित न्यूक्लियर रिएक्शन से की थी। इसमें कहा गया कि ट्विटर (अब एक्स) जैसे प्लेटफॉर्म की 'हानिकारक और अराजक प्रकृति' गलत सूचना सहित सामग्री के तेज और व्यापक प्रसार को सक्षम बनाती है। नतीजतन, आपत्तिजनक पोस्ट बड़े पैमाने पर प्रसारित होते रहने की संभावना बनी रहती है।

मानहानि मामला: लक्ष्मी पुरी Vs साकेत गोखले- क्या है पूरी कहानी?

साकेत गोखले द्वारा 13 और 26 जून 2021 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए थे, जिसके बाद यह मामला अदालत तक पहुंचा। दरअसल, इन पोस्ट्स में गोखले ने आरोप लगाया कि लक्ष्मी पुरी ने स्विट्जरलैंड में अपनी आय से अधिक संपत्ति खरीदी है।

इसके बाद लक्ष्मी पुरी की ओर से हर्जाने की मांग करते हुए एक मुकदमा दायर किया गया था। यह मानहानि का मुकदमा था, जिसमें कहा गया था कि साकेत गोखले ने लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट और पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रकाशित किए थे।

साकेत गोखले पर यह आरोप लगाया गया था कि उनके सोशल मीडिया पर प्रकाशित बयानों की वजह से लक्ष्मी पुरी की छवि को नुकसान पहुंचा है। साल 2021 में दायर मुकदमे में लक्ष्मी पुरी ने साकेत गोखले पर उनके और उनके परिवार के खिलाफ "झूठे और गलत तथ्यों को रखने, अपमानजनक और निंदनीय बयान देने का आरोप" लगाया था। उन्होंने तर्क दिया कि उनकी आय के बारे में साकेत गोखले के दावे निराधार थे।