स्टार हेल्थ के बाद HDFC लाइफ के 1.6 करोड़ ग्राहकों का डेटा डार्क वेब पर बिका: साइबरपीस

HDFC लाइफ इंश्योरेंस के 1.6 करोड़ ग्राहकों के डेटा को एक लाख रिकॉर्ड से शुरू करके छोटी मात्रा में बेचा जा रहा है।

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Cyberpeace research wing says Record of 1.6 crore customers of HDFC Life being sold on dark web

प्रतीकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: साइबरपीस की रिसर्च विंग ने बुधवार को दावा किया कि एचडीएफसी (HDFC) लाइफ इंश्योरेंस के 1.6 करोड़ (16 मिलियन) ग्राहकों का डेटा डार्क वेब फोरम पर दो लाख यूएसडीटी (टेथर क्रिप्टोकरेंसी) में बिक रहा है।

साइबरपीस ने दावा किया कि लीक हुए डेटा में संवेदनशील ग्राहक जानकारी हैं, जिसमें पॉलिसी नंबर, नाम, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, ईमेल पते, आवासीय पते, स्वास्थ्य स्थिति आदि शामिल हैं।

पिछले महीने के आखिर में एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस ने कहा कि डेटा लीक के कुछ मामले सामने आए हैं और वे इस उल्लंघन के संभावित प्रभाव का आकलन कर रहे हैं।

डेटा लीक को लेकर एचडीएफसी लाइफ ने क्या कहा था

एचडीएफसी लाइफ ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, "हमें एक अज्ञात स्रोत से सूचना प्राप्त हुई है, जिसने हमारे ग्राहकों के कुछ डेटा फील्ड को दुर्भावनापूर्ण इरादे से हमारे साथ साझा किया है।"उन्होंने कहा कि संभावित प्रभाव का आकलन करने के लिए इसकी आगे की जांच जारी है।

साइबरपीस के अनुसार, 1.6 करोड़ ग्राहकों के डेटा को एक लाख रिकॉर्ड से शुरू करके छोटी मात्रा में बेचा जा रहा है। साइबर-सुरक्षा संगठन ने कहा, "इस उल्लंघन के लिए जिम्मेदार साइबर क्रिमिनल की पहचान अज्ञात है। साइबरपीस की जांच से पता चलता है कि हैकर्स ने पहले ही इच्छुक पक्षों को डेटा का बड़ा हिस्सा बेच दिया है, जिससे इसके दुरुपयोग को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं।"

अक्टूबर में स्टार हेल्थ इंश्योरेंस का भी डेटा हुआ था लीक

पॉलिसी संख्या और व्यक्तिगत विवरण लीक होने के कारण साइबरपीस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। अक्टूबर में भी स्टार हेल्थ को लेकर कुछ ऐसी ही रिपोर्ट्स सामने आई थीं, जिसमें बताया गया था कि स्टार हेल्थ के ग्राहकों का डेटा बिक्री के लिए उपलब्ध था।

हैकर्स ने कथित तौर पर स्टार हेल्थ के 3.1 करोड़ से अधिक ग्राहकों से संबंधित पूरे 7.24 टीबी डेटा को 150,000 डॉलर में एक वेबसाइट पर बिक्री के लिए डाल दिया था। स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने एक बयान में कहा था कि वे एक टारगेटेड साइबर हमले का शिकार हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कुछ डेटा तक अनधिकृत और अवैध पहुंच हुई, उन्होंने कहा कि "टारगेटेड साइबर हमले" की गहन फोरेंसिक जांच चल रही थी।

(यह आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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