विशाखापत्तन: भारत में काम की तलाश कर रहे जरूरतमंदों को दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया से निशाना बनाया जा रहा है। भारत में मौजूद एजेंट युवाओं को नौकरी के झूठे वादों पर उन्हें कंबोडिया भेजा रहे हैं जहां उन्हें काम के नाम पर स्कैम कराया जा रहा है और विरोध करने पर उनके साथ हिंसा भी की जा रही है।
आंध्र विश्वविद्यालय से एमबीए ग्रेजुएट 30 वर्षीय कल्पम्पेंचला साई मुकेश इसी महीने कंबोडिया से भारत लौटा है।
इस स्कैम में फंसने वाला मुकेश अकेला नहीं है बल्कि दक्षित और उत्तर भारत के कई युवा इस फेक जॉब स्कैम में फंस चुके हैं। कंबोडिया में मौजूद स्कैमर भारत में रह रहे एजेंटों की मदद से बेरोजगार युवाओं की विदेश में अच्छी नौकरी और अन्य कई तरह के लाभ का लालच देकर उन्हें अपने यहां भर्ती करते हैं।
युवाओं को किसी दूसरे देश में अच्छी नौकरी का झांसा देकर उन्हें कंबोडिया भेजा जा रहा है और फिर उनसे वहां पर स्कैम करवाया जा रहा है।
पीड़ितों ने क्या बताया
कंबोडिया में फंसे कुछ पीड़ित भारत आ चुके हैं और कई अभी भी वहां पर हैं जिन्हें देश लाने की तैयारी की जा रही है। पीड़ितों ने बताया है इन स्कैमर के भारत में कई एजेंट होते हैं जो बेरोजगार और जरूरतमंदों को विदेश में अच्छी नौकरी का लालच देते हैं।
युवाओं को सिंगापुर, मलेशिया और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में डेटा एंट्री नौकरी का लोभ दिया जाता है और उन्हें अच्छी सैलेरी का भी वादा किया जाता है।
जब युवा एजेंटों की बात में आ जाते हैं तो फिर उन्हें पश्चिम बंगाल के कोलकाता से सिंगापुर या बैंकॉक के रास्ते कंबोडिया ले जाया जाता है। युवाओं को इस रास्ते से इसलिए ले जाया जाता है क्योंकि यहां से हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी आसान होती है।
एजेंट बेरोजगार युवा, सिंगल या विधवा महिलाएं या फिर जिन लोगों को पैसें और काम की जरूरत होती है, वे उन्हें विशेष रूप से निशाना बनाते हैं।
मुकेश या अन्य लोगों से क्या काम करवाते हैं स्कैमर
पीड़ित मुकेश ने बताया कि स्कैमर उन्हें पहले एक हफ्ते ट्रेनिंग दिए थे और फिर वे उनसे तरह-तरह के सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनवाने लगे थे। वे इन अकाउंट को जरिए लोगों के साथ फ्रॉड करने की आदेश देते थें।
फेक सोशल मीडिया अकाउंट और फर्जी भारतीय सिम कार्ड से स्कैमर पीड़ितों के जरिए भारतीयों को निशाना बनाने को कहते थे और इसके लिए उन्हें टारगेट भी दिया करते थे। टारगेट पूरा होने पर उन्हें पैसे दिए जाते थे और फेल होने पर उनकी पिटाई भी की जाती थी।
एक कमरे में 10 लोगों को रखते थे
मुकेश का कहना है कि काम के दौरान उन्हें बहुत तनाव दिया जाता था और रात दिन काम करने के लिए उन्हें ड्रग्स का डोज भी दिया जाता था। पीड़ित ने बताया कि एक कमरे में 10 लोगों को रखा जाता था और उन पर कड़ी नजर भी रखी जाती थी।
कमरे से भागने पर उनके साथ पिटाई भी की जाती थी। मुकेश ने बताया कि स्कैमर के चंगुल में भारत के अलावा अन्य और देशों के लोग भी वहां मौजूद हैं।
क्या कहते हैं आकंड़े
इस तरह से होने वाले फ्रॉड की अगर बात करें तो पिछले कुछ महीने में भारत में जितनी धोखाधड़ी हुई है, उनमें से लगभग आधा फ्रॉड दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से किया गया है। इन फ्रॉडों में निवेश, व्यापार, डिजिटल गिरफ्तारी और डेटिंग घोटाले भी शामिल हैं।
राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में एक लाख से अधिक निवेश घोटाले और साइबर अपराध से संबंधित 10 हजार एफआईआर दर्ज कराए गए हैं। यही नहीं साइबर क्राइम को अंजाम देने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के एजेंट भारत में बडे़ पैमाने पर दक्षिण भारत से स्कैमरों की भर्ती भी कर रहे हैं।
कंबोडिया में अभी हैं पांच हजार से अधिक भारतीय
जांच कर रही पुलिस का कहना है कि साइबर धोखाधड़ी कंपनियों के केंद्र कंबोडिया के तटीय सिहानोकविले में पांच हजार से भी अधिक भारतीयों के वहां पर फंसे होने का अनुमान है।
अभी तक के बचाव कार्य में 400 लोगों को बचाया गया है जिसमें से 30 आंध्र प्रदेश के हैं और 90 से अधिक लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। हाल में एक पीड़ित के शिकायत पर स्कैम में शामिल 12 लोगों को विशाखापत्तन पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।
जारी हुआ है हेल्पलाइन
भारत में मौजूद जिन एजेंटों को गिरफ्तार किया उनसे प्राप्त जानकारी के बाद पुलिस ने कई हेल्पलाइन नंबर (9490617917, 9493336633 या कंट्रोल रूम के लिए 0891-2565454) भी जारी किया है। इन हेल्पलाइन पर संपर्क कर आप इस तरह के विदेशी नौकरी के बारे में जानकारी ले सकते हैं या फिर आप अपने सवाल पूंछ सकते हैं।
यही नहीं कई पीड़ित अभी भी वहां मौजूद है और जो लोग कंबोडिया के सिहानोकविले में फंसे हुए हैं उनकी मदद के लिए दूतावास ने एक अस्थायी हेल्पलाइन नंबर (+855 10642777) भी जारी किया है।
अगर आपके साथ भी इस तरह का स्कैम होता है तो आप इसकी शिकायत भारत सरकार के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) पर कर सकते हैं। इसके लिए आप इस लिंक https://cybercrime.gov.in/ पर जा सकते हैं और वहां आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसकी शिकायत आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में भी कर सकते हैं।