लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों में अवैध मदरसों, मस्जिदों और धार्मिक स्थलों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चल रहे इस व्यापक अभियान के तहत राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।

इन टीमों ने न सिर्फ गैर-मान्यता प्राप्त और मानकों का उल्लंघन करने वाले मदरसों को सील किया, बल्कि सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाए गए अवैध धार्मिक ढांचों को भी कानूनी प्रक्रिया के तहत ढहा दिया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अवैध कब्जों और अनियमित धार्मिक संस्थानों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।

श्रावस्ती में 41 अवैध मदरसों पर कार्रवाई, दो मस्जिदें ढही

शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया कि श्रावस्ती जिले में गुरुवार को 5 अवैध मदरसों को सील किया गया, जिससे अब तक यहां कुल 41 कार्रवाइयों का आंकड़ा पहुंच चुका है। इसके अलावा, नेपाल सीमा से 15 किलोमीटर के भीतर बनाए गए अस्थायी और स्थायी अवैध ढांचों को भी हटाया गया है।

भिनगा तहसील के भरथा और रोशनगढ़ जैसे गांवों में सरकारी जमीन पर बनी अवैध मस्जिदों को बुलडोजर से गिराया गया। गुरुवार को अकेले आठ कार्रवाइयाँ की गईं, और अब तक 139 अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

बलरामपुर और पीलीभीत में मदरसों को नोटिस, मजारों पर कार्रवाई

बलरामपुर जिले में भी कार्रवाई जारी रही। यहां आठ मदरसों को नोटिस जारी किया गया, तीन मजारों पर बने अवैध निर्माणों को गिराया गया और पांच को और नोटिस दिए गए हैं। कुल मिलाकर 16 अवैध कब्जों की पहचान की गई, जिनमें से तीन को ढहा दिया गया।

एक स्थान पर बिना अनुमति के बनाई गई ईदगाह की वैधता की जांच की जा रही है। अब तक यहां 20 ऐसे मदरसों को बंद किया गया है, जो न तो मान्यता प्राप्त हैं और न ही निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करते हैं। दो और मदरसों को दस्तावेज़ न देने पर नोटिस भेजा गया है।

बहराइच में अब तक 135 निर्माण ढहाए गए

बहराइच जिले के नानपारा और मिहीपुरवा तहसील क्षेत्रों में बुधवार और गुरुवार को आठ अवैध कब्जे हटाए गए। अब तक जिले में कुल 135 गैरकानूनी ढांचों को गिराया जा चुका है, जिनमें कई मदरसों को पहले ही सील किया जा चुका है। गुरुवार को तीन मामलों में संबंधित लोगों ने स्वयं अतिक्रमण हटाया।

इसी तरह सिद्धार्थनगर जिले में तीन अवैध मस्जिदों और 14 गैर-पंजीकृत मदरसों समेत कुल 17 धार्मिक ढांचों पर कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, यह अभियान आने वाले दिनों में और भी तेज किया जाएगा। सरकार का मकसद सिर्फ अवैध निर्माणों को हटाना नहीं, बल्कि सीमा क्षेत्र की सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और धार्मिक संस्थानों की पारदर्शिता को सुनिश्चित करना भी है।