मुंबईः महाराष्ट्र जल्द ही देश की पहली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की योजना और क्रियान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री आशीष शेलार ने इस पहल की घोषणा करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय कृत्रिम बुद्धिमत्ता और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगा।
AI विश्वविद्यालय का उद्देश्य
आशीष शेलार ने बताया कि यह विश्वविद्यालय AI शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को केंद्र में रखते हुए उद्योग, शिक्षाविदों और सरकार के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। यह परियोजना बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप है, जिसमें तकनीकी विकास को प्राथमिकता देने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय न केवल तकनीकी नवाचार और नीतिगत निर्माण पर ध्यान देगा, बल्कि कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को आधुनिक डिजिटल युग के लिए तैयार करने में भी मदद करेगा।
टास्क फोर्स में कौन-कौन शामिल हैं?
इस टास्क फोर्स की अध्यक्षता सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव करेंगे। इसमें देश के शीर्ष तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों जैसे आईआईटी मुंबई और आईआईएम मुंबई के निदेशक शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, गूगल इंडिया, महिंद्रा ग्रुप और एलएंडटी जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि भी इस परियोजना का हिस्सा होंगे। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, राजीव गांधी विज्ञान और प्रौद्योगिकी आयोग और डेटा सुरक्षा परिषद (Data Security Council of India) के विशेषज्ञ भी इस टास्क फोर्स में शामिल किए गए हैं।
महाराष्ट्र को AI शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में कदम
मंत्री आशीष शेलार ने कहा, "एआई विश्वविद्यालय एक उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) होगा, जहां उद्योग, शिक्षाविद और सरकार मिलकर इस क्षेत्र में नई संभावनाओं को तलाशेंगे। यह पहल महाराष्ट्र को वैश्विक स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के साथ-साथ भारत की तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देगी।"
अब तक टास्क फोर्स की दो बैठकें हो चुकी हैं और यह विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए रोडमैप तैयार करने में जुटा हुआ है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य महाराष्ट्र को तकनीकी और नवाचार का प्रमुख केंद्र बनाना है, जिससे राज्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस जैसे उभरते हुए क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सके।