नई दिल्लीः कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। गुरुवार को उन्होंने दावा किया कि दुनिया को गणित की सौगात इस्लाम धर्म की वजह से मिली। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में शमा मोहम्मद ने कहा, "गणित इस्लाम से आया है...इस्लाम एक प्रगतिशील और वैज्ञानिक धर्म है जो भविष्य की सोच रखता है।"
शमा मोहम्मद के इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने तय कर लिया है कि कांग्रेस में सभी बेतुके बयान सिर्फ राहुल गांधी नहीं देंगे।"
I think she has decided that Rahul Gandhi alone can’t make all the absurd statements in the Congress. https://t.co/gRnRkvWCxZ
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 6, 2025
पहले भी दे चुकी हैं विवादित बयान
यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले ही शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा को "मोटा" और "कप्तानी के लिए अनफिट" बताया था। उनके इस बयान की कांग्रेस ने निंदा की थी और उन्हें सोशल मीडिया से अपमानजनक पोस्ट हटाने को कहा था।
शमा ने पोस्ट में लिखा था, "रोहित शर्मा एक खिलाड़ी के हिसाब से मोटे हैं। उन्हें वजन कम करने की जरूरत है। और बेशक, वे भारत के अब तक के सबसे अनइम्प्रेसिव कप्तान हैं।" शमा के इस बयान पर काफी विवाद हुआ। जिसके बाद उन्होंने सफाई दी।
शमा ने कहा कि मैंने स्पोर्ट्सपर्सन के नाते उन्हें (रोहित शर्मा) को ओवरवेट कहा था। जो मैंने कहा वो बॉडीशेमिंग नहीं है। वहीं, अनइंप्रेसिव वाली बात पर शमा ने कहा था, मैंने उनकी तुलना, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, कपिल देव, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली से की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं चल रहा है कि लोग मुझ पर हमला क्यों कर रहे हैं?
शमा मोहम्मद ने गुरुवार को मोहम्मद शमी के रोजा ना रखने के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "इस्लाम में रमजान के दौरान यात्रा के समय रोजा रखना अनिवार्य नहीं है। शमी यात्रा कर रहे हैं और खेल के दौरान उन्हें प्यास लग सकती है। इस्लाम एक वैज्ञानिक धर्म है, जो कर्मों को अधिक महत्व देता है।"
मैच के दौरान पानी पीने को लेकर शमी की आलोचना
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें मोहम्मद शमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के सेमीफाइनल मैच के दौरान पानी पीते नजर आए थे। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शाहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शमी पर रमजान के दौरान पानी पीने को लेकर आपत्ति जताई थी। मुस्लिम धर्मगुरु इब्राहिम चौधरी ने भी शमी द्वारा रोजा न रखने की आलोचना की।
चौधरी ने कहा कि इस्लाम में रोजा, नमाज, दान (जकात) और तीर्थयात्रा (हज) अल्लाह द्वारा निर्धारित दायित्व है और प्रत्येक मुसलमान के लिए इन्हें पूरा करना आवश्यक है। यदि कोई मुसलमान वयस्क होने के बाद इनमें से किसी से भी इनकार करता है या जानबूझकर उपेक्षा करता है, तो वह निश्चित रूप से पापी है और एक मुसलमान के रूप में उसकी स्थिति संदेह में हो सकती है, चाहे वह मोहम्मद शमी हों या कोई अन्य मुसलमान।
हालांकि, शिया मौलाना यासूब अब्बास ने शमी को निशाना बनाने पर सवाल उठाया और कहा, "धर्म जबरदस्ती का नाम नहीं है। कई लोग रोजा नहीं रखते, फिर शमी को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है?