नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव के अंतिम और सातवें चरण का चुनाव खत्म हो गया है। चुनाव के खत्म होने के बाद चार जून को नतीजे सामने आएंगे। इस बीच वोटों की गिनती के नए नियम को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाया है।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने दावा किया है कि इस बार मतगणना के दौरान सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) की टेबल पर उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंटों को बैठने की इजाजत नहीं दी गई है। मामले में उन्होंने चुनाव को टैग करते हुए एक ट्वीट भी किया है।
कांग्रेस नेता ने इसे ‘कथित ईवीएम धांधली से भी बड़ा मुद्दा’ बताया है। अजय माकन ने कहा है कि उन्होंने अभी तक नौ चुनाव लड़े हैं लेकिन इससे पहले ऐसा कभी भी नहीं हुआ है।
केवल अजय माकन ही नहीं बल्कि कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और इसे ‘सामूहिक धांधली’ करार दिया है। अजय माकन के आरोप पर चुनाव अयोग ने स्पष्टीकरण भी दिया है।
कांग्रेस नेता के आरोप पर आयोग का जवाब
अजय माकन ने एक ट्वीट कर कहा है कि “पहली बार उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंटों को एआरओ टेबल पर आने की इजाजत नहीं दी जा रही है। मैंने अब तक नौ लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा है और ऐसा पहली बार हो रहा है। अगर ये बात सच है तो फिर ये ईवीएम में कथित छेड़छाड़ से भी ज्यादा बड़ी चीज है। मैं हर उम्मीदवार के लिए इस मुद्दे को उठा रहा हूं। मुझे उम्मीद है चुनाव आयोग जल्द ही इसे ठीक करेगा।”
‘Candidate’s Counting Agents’ at the ARO table are NOT being allowed for the first time!!!
I have contested 9 Lok Sabha & Vidhan Sabha elections in the past- And this is happening for the first time.
If true, this is bigger than the alleged EVM rigging!
I am flagging this…
— Ajay Maken (@ajaymaken) June 1, 2024
कांग्रेस नेता के इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा है कि “यह स्पष्ट किया जाता है कि उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंटों को आरओ या एआरओ की टेबल पर जाने की अनुमति है।”
आयोग के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए माकन ने शुक्रिया कहा है। उन्होंने कहा है कि “इस अत्यंत आवश्यक स्पष्टीकरण के लिए बहुत धन्यवाद। दिल्ली में आपके रिटर्निंग अधिकारी आज सुबह तक इस बात से इंकार कर रहे थे।”
Mass rigging https://t.co/mxJmCflL8M
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 2, 2024
क्या है नियम और कैसे होती है मतगणना
भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, वोटों की गिनती रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) द्वारा निर्धारित समय पर शुरू होना चाहिए। यही नहीं मतगणना पर्यवेक्षक, आरओ या एआरओ और उम्मीदवारों या उनके चुनाव एजेंटों की उपस्थिति में होना चाहिए।
मतगणना हॉल में मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपीएटी), नियंत्रण इकाइयों और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों की आवाजाही का दस्तावेजीकरण करने के लिए पूरी प्रक्रिया को तारीख और समय टिकटों के साथ वीडियो पर रिकॉर्ड किया जाता है।
जब तक वोटों की गिनती होती है तब तक मतगणना एजेंटों और अन्य लोगों को मतगणना केंद्र छोड़ने की इजाजत नहीं होती है। जब तक परिणामों की आधिकारिक घोषणा नहीं हो जाती है, मतगणना हॉल में मौजूद लोगों को बाहर नहीं निकलना दिया जाता है।
इसके अलावा जो लोग मतगणना हॉल में मौजूद हैं, उन्हें वोट की गोपनीयता को बनाए रखना चाहिए और इसलिए किसी भी किस्म की जानकारी साझा करने से बचनी चाहिए।