पीएम मोदी टिप्पणी विवाद: शशि थरूर के खिलाफ मानहानि मामला रद्द करने से दिल्ली HC ने किया इनकार

नवंबर 2018 में बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कथित तौर पर पीएम मोदी को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं।

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congress leader Shashi Tharoor did not get relief in the case of derogatory remarks on PM Modi Delhi HC gave this order

पीएम मोदी टिप्पणी विवाद: शशि थरूर के खिलाफ मानहानि मामला रद्द करने से दिल्ली HC ने किया इनकार (फाइल फोटो- IANS)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ पीएम मोदी से संबंधित मानहानि के एक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी जिसे लेकर यह मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था।

इस मुकदमे को लेकर शशि थरूर ने कोर्ट में याचिका दायर कर इसे खारिज करनी की अपील की थी। कोर्ट ने कांग्रेस नेता की याचिका को खारिज कर दोनों पार्टियों को अगली तारीख में हाजिर होने को कहा है। मामले के अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।

कोर्ट ने शशि थरूर के वकील ने क्या कहा है

मामले में शशि थरूर का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में तर्क दिया है कि थरूर ने कोई गलत बयान नहीं दिया है। वकील ने कहा है कि थरूर ने दूसरे शख्स द्वारा दिए गए बयान का केवल हवाला दिया है।

थरूर के वकील ने कोर्ट में आगे यह भी तर्क दिया है कि भाजपा नेता राजीव बब्बर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 के तहत "पीड़ित व्यक्ति" नहीं है, ऐसे में यह शिकायत निराधार है।

कोर्ट ने क्या कहा है

इस पर न्यायमूर्ति अनुप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा है कि कार्यवाही को खारजि करने का उन्हें कोई भी आधार नहीं मिला है इसलिए वे मानहानि के मुकदमे को रद्द करने से इनकार करते हैं। कोर्ट ने कांग्रेस नेता की याचिका को खारिज कर उनपर अक्टूबर 2020 से चल रहे आपराधिक मामले पर लगी अंतरिम रोक को भी हटा दी है।

बता दें कि कोर्ट में थरूर ने निचली अदालत के 2019 के उस आदेश को पलटने की मांग की था जिसमें उन्हें आरोपी के रूप में समन किया गया था। उन्होंने कोर्ट से इस शिकायत को भी को रद्द करने की अपील की थी।

शशि थरूर का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के साथ अन्य वकीलों की एक टीम ने किया है जबकि राजीव बब्बर का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद और उनकी टीम ने किया है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, नवंबर 2018 में बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कांग्रेस नेता ने कथित तौर पर पीएम मोदी को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं।

थरूर ने एक बेनाम आरएसएस स्रोत का हवाला दिया था जिसने पीएम मोदी को "शिवलिंग पर बैठा बिच्छू" बताया था। कांग्रेस नेता के इस बयान को लेकर उस समय काफी विवाद भी हुआ था।

बाद में राजीव बब्बर ने थरूर पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। भाजपा नेता ने मानहानि के मामले में यह दावा किया था कि थरूर के बयान ने भगवान शिव के भक्त के रूप में उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंची है।

यही नहीं बब्बर ने यह भी दावा किया था कि इससे भारत और विदेशों में लाखों शिव भक्तों की भावनाओं को भी ठेस पहुंची है।

आरोपों पर थरूर ने क्या कहा था

अपने पर लगे सभी आरोपों पर बोलते हुए थरूर ने उस समय कहा था कि उन्होंने केवल गोर्धन जदाफिया के बयान का हवाला दिया था जिनका बयान पिछले सात सालों से पब्लिक डोमेन में है।

उस समय उन्होंने यह भी सवाल किया था कि क्या भाजपा गोरधन जदाफिया के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करेगी। मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत थरूर पर केस दर्ज किया गया था।

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