नई दिल्ली: राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान पर चर्चा करते हुए इसे वंचितों के कल्याण और राष्ट्र निर्माण की मूल प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि यह चर्चा युवा पीढ़ी के लिए शिक्षाप्रद होगी और देश की लोकतांत्रिक प्रगति को समझने में मदद करेगी।
सरदार पटेल के योगदान की सराहना करते हुए शाह ने भारत की आर्थिक और सामाजिक मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि संविधान ने भारत को चुनौतियों के बावजूद एक सशक्त राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई है। चर्चा के दौरान उन्होंने लोकतंत्र की गहराई और जनता की शक्ति पर भी प्रकाश डाला।
राज्यसभा में अमित शाह ने क्या कहा- 10 बड़ी बातें
1. ईवीएम पर विपक्ष की शिकायतों पर जवाब
– विपक्ष हार के बाद ईवीएम को लेकर सवाल उठाता है।
– महाराष्ट्र में हारने पर ईवीएम को दोषी ठहराया, लेकिन झारखंड में जीतने पर चुप रहे।
– एक ही दिन में ईवीएम को लेकर दोहरी मानसिकता दिखाई।
2. यूसीसी (समान नागरिक संहिता) पर विचार
– कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि देश में एक समान कानून चाहिए या नहीं।
– कांग्रेस ने मुस्लिम पर्सनल लॉ और हिंदू कोड बिल के नाम पर भेदभाव किया।
– सुप्रीम कोर्ट कई बार यूसीसी लागू करने की बात कह चुका है।
– बीजेपी ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का काम किया।
– आंबेडकर का नाम लेने वालों को उनके विचारों को भी अपनाना चाहिए।
3. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर
– जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए “लोहे का जिगर” चाहिए था।
– कांग्रेस ने वर्षों तक 370 को अपने राजनीतिक फायदे के लिए रखा।
– नरेंद्र मोदी सरकार ने दूसरी बार सत्ता में आते ही इसे हटाया।
– खून की नदियां बहने की आशंका जताई गई थी, लेकिन एक कंकड़ तक नहीं चला।
– जम्मू-कश्मीर में 1.19 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है।
– अनुच्छेद 370 हटाने से तुष्टिकरण की राजनीति समाप्त हो गई।
4. आपातकाल और कांग्रेस पर हमला
– 39वें संविधान संशोधन का उल्लेख किया, जिसमें इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया गया।
– इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस ने संसद और विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर 6 साल कर दिया था।
– उन्होंने तानाशाही और जनतंत्र के बीच तुलना करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया।
5. बाबासाहब आंबेडकर के विचारों पर चर्चा
– आंबेडकर ने कहा था कि अच्छा संविधान भी बुरा हो सकता है, अगर इसे चलाने वाले अच्छे न हों।
– इसी तरह, खराब संविधान भी अच्छा बन सकता है, अगर उसे चलाने वाले ईमानदार और सकारात्मक हों।
– संविधान के 75 वर्षों में दोनों प्रकार के अनुभव देखने को मिले हैं।
6. राहुल गांधी पर निशाना
– राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि “54 साल के युवा हवा में बात करके संविधान बदलने की बात करते हैं।”
– संविधान में बदलाव का प्रावधान संविधान में ही है।
– बीजेपी ने 16 वर्षों में 22 संशोधन किए, जबकि कांग्रेस ने 55 वर्षों में 77 संशोधन किए।
– सरदार पटेल की मेहनत से देश एकजुट और सशक्त हुआ।
ये भी पढ़ें: चीन बना रहा है 8 करोड़ की क्षमता वाला दुनिया का सबसे बड़ा कृत्रिम-द्वीप हवाई अड्डा
7. संविधान केवल दस्तावेज नहीं
-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार के लिए संविधान मात्र एक दस्तावेज नहीं, बल्कि वंचितों के कल्याण और राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा है।
8. युवा पीढ़ी के लिए चर्चा उपयोगी
-अमित शाह ने संविधान पर चर्चा को युवाओं के लिए शिक्षाप्रद बताया। इससे युवाओं को लोकतंत्र और संविधान के महत्व को समझने का अवसर मिलेगा।
9. सरदार पटेल का योगदान
-गृह मंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए कहा कि उनके संघर्षों के कारण ही भारत आज मजबूती से खड़ा है।
10. आर्थिक प्रगति का उल्लेख
-शाह ने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जो हमारी आर्थिक मजबूती का प्रमाण है।
अमित शाह ने अपने बयान में कांग्रेस की नीतियों और विपक्ष की मानसिकता पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।