नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि उसके कुछ नेताओं को गृह मंत्री अमित शाह के कुछ वीडियो क्लिप अपने हैंडल पर साझा करने पर बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ से ईमेल मिला है। एक्स से ईमेल आने का मामला उस समय सामने आया है जब भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज्य सभा में बाबसाहब आंबेडकर के बारे में अमित शाह के बयान का बेहद छोटा और अधूरा हिस्सा काट कर भ्रम और झूठी बातें फैला रही है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से बताया है कि ‘एक्स’ ने अपने ईमेल में गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम कॉरडिनेशन सेंटर के एक नोटिस का संदर्भ दिया है, जिसमें कंपनी से कहा गया था कि साझा किया जा रहा कंटेट भारतीय कानून का उल्लंघन है। वहीं, कांग्रेस ने गुरुवार सुबह एक्स पर एक पोस्ट कर दावा किया है कि ईमेल में एक्स (पूर्व में ट्विटर) ने उन्हें बताया कि अभिव्यक्ति की आजादी के तहत उसे नहीं हटाया जाएगा, क्योंकि उस वीडियो ने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है।
दरअसल, बुधवार को कई कांग्रेस सांसदों और नेताओं ने राज्य सभा में अमित शाह के राज्य सभा में मंगलवार को दिए भाषण का एक छोटा क्लिप शेयर किया था। अमित शाह ने संविधान के 75 साल की यात्रा पर राज्य सभा में हुई बहस के दौरान आंबेडकर का जिक्र किया था। इसी भाषण का एक अंश शेयर कर कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि शाह ने आंबेडकर का अपमान किया है।
अमित शाह के बयान पर हंगामा, कांग्रेस मांग रही इस्तीफा
दरअसल, अमित शाह के राज्य सभा में दिए भाषण के छोटा से हिस्सा को लेकर कल एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए अमित शाह से इस्तीफे की मांग की है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे ‘आंबेडकर के योगदान और संविधान को मिटाने का प्रयास बताया।’
उन्होंने भाजपा पर संविधान बदलने का इरादा रखने का आरोप लगाते हुए अमित शाह से माफी की मांग की। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी इसी तरह की बातें कही। खड़गे ने कहा कि अमित शाह को हर हाल में इस्तीफा देना चाहिए। इसके अलावा इंडिया ब्लॉक की अन्य पार्टियों ने भी इस पर भाजपा और अमित शाह को घेरने की कोशिश की।
पीएम नरेंद्र मोदी समेत भाजपा और अमित शाह का जवाब
कांग्रेस और विपक्षी दलों के आरोपों पर भाजपा की ओर से भी प्रतिक्रिया आई थी। भाजपा और अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों का बुधवार को कड़ा विरोध किया। गलत संदर्भ में आधे-अधूरे क्लिप को शेयर करने को लेकर गृह मंत्री ने कहा, ‘भाजपा सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी। संसद के अंदर और बाहर जो भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, सभी संभावनाओं पर विचार किया जा सकता।’
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी पुरानी चालें चली हैं और बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। यह लोगों को गुमराह करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि वह ऐसी पार्टी से आते हैं जो कभी भी आंबेडकर का अपमान नहीं करेगी।
इस पूरे मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए एक्स पर लिखा कि उनका (कांग्रेस का) ‘सड़ा हुआ तंत्र’ और ‘दुर्भावनापूर्ण झूठ’ उनके कुकर्मों को छिपा नहीं सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि गृह मंत्री ने विपक्षी दल के ‘आंबेडकर के अपमान के काले इतिहास’ को उजागर किया है।
अमित शाह ने आंबेडकर पर क्या कहा था…पूरा बयान क्या है?
राज्यसभा में बोलते हुए अमित शाह ने एक जगह कहा था, ‘आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। आंबेडकर कहना एक आजकल फैशन बन गया है। अगर उन्होंने इतनी बार भगवान का नाम लिया होता, तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिल जाती।’
कांग्रेस और विपक्षी नेताओं ने इसी बयान का क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किया है और भाजपा को घेरने की कोशिश हो रही है। हालांकि, इसी बयान के ठीक आगे अमित शाह कहते हैं- अच्छा है, आप ( कांग्रेस की तरफ इशारा करते हुए कहा) जब चाहे आंबेडकर का नाम सौ बार ज्यादा लो लेकिन साथ में आंबेडकर के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं।’
PIB’s fact check unit refutes misleading social media claims, exposing the deliberate misrepresentation of Union Minister #AmitShah‘s parliamentary remarks on Dr. BR Ambedkar through selectively edited video clips designed to distort the original context and intent.@AmitShah… pic.twitter.com/642h7tBmDI
— All India Radio News (@airnewsalerts) December 18, 2024
अमित शाह आगे कहते हैं, ‘आंबेडकर देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया। आंबेडकर ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं। सरकार की विदेश नीति और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूं। उनको आश्वासन दिया गया। आश्वासन पूरा नहीं होने पर इस्तीफा दे दिया।’