टीएमसी नेता से मिले करोड़ों के गोपनीय DRDO दस्तावेज और रेडियोएक्टिव पदार्थ, बीजेपी ने उठाए सवाल (फोटो- IANS)
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कोलकाता: पुलिस ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले से टीएमसी की पंचायत नेता अमृता एक्का के पति फ्रांसिस एक्का को गिरफ्तार कर उसके पास से डीआरडीओ (DRDO) के महत्वपूर्ण संवेदनशील गोपनीय दस्तावेज और करोड़ों रुपए कीमत के रेडियोधर्मी पदार्थ बरामद किए हैं।
इसको लेकर बीजेपी ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि टीएमसी नेता के पति की यह हरकत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
अंग्रेजी मीडिया टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "आरोपी फ्रांसिस एक्का नक्सलबाड़ी पंचायत समिति में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के पति हैं।"
पूनावाला ने आगे कहा है कि, "यह सवाल उठता है कि इतने खतरनाक दस्तावेज और सामग्री उनके घर में कैसे पहुंच सकती हैं? क्या यह तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रविरोधी कामों का सबूत नहीं है?"
भाजपा ने टीएमसी पर क्या आरोप लगाया है
खबर के अनुसार, पूनावाला ने टीएमसी पर रोहिंग्या घुसपैठियों और बम बनाने वालों को पनाह देने का भी आरोप लगाया। अधिकारियों के मुताबिक, फ्रांसिस एक्का पर यह शक है कि उसने संवेदनशील डीआरडीओ दस्तावेजों और रेडियोधर्मी सामग्रियों की तस्करी की है।
इस मामले में यह आशंका जताई जा रही है कि आरोपी का विदेशी संगठनों से संबंध हो सकता है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं, और आरोपित से पूछताछ जारी है।
यह घटना पश्चिम बंगाल पुलिस और सेना की संयुक्त छापेमारी में नक्सलबाड़ी ब्लॉक के बेलगाछी गांव से फ्रांसिस एक्का की गिरफ्तारी के बाद सामने आई।
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पुलिस पूछताछ में अमृता एक्का के पति ने क्या कहा
स्टोरी में यह भी बताया गया है कि बीजेपी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने हमेशा अपने वोट बैंक के लिए राष्ट्रीय हित से समझौता किया है। पूनावाला ने कहा, "टीएमसी ने राष्ट्रीय और राज्य हितों को नजरअंदाज किया है ताकि पार्टी के निजी स्वार्थ पूरे हो सकें।"
पुलिस ने बताया कि फ्रांसिस एक्का के पास कई गोपनीय डीआरडीओ दस्तावेज और बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी कैलिफोर्नियम बरामद किया गया।
एक ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत लगभग 17 करोड़ रुपए हो सकती है। जब फ्रांसिस एक्का से पूछा गया कि उसके पास यह सामग्री कहां से आई, तो वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं और आरोपित से पूछताछ जारी है। इस मामले को लेकर बीजेपी ने गहन जांच की मांग की है और सवाल उठाया है कि तृणमूल नेताओं को इतनी संवेदनशील सामग्री रखने की जिम्मेदारी क्यों दी गई।