कोचिंग सेंटर 'डेथ चेंबर' बन गए हैं, सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी; दिल्ली और केंद्र को भेजा नोटिस

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दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसा (फोटो- IANS)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में तीन आईएएस उम्मीदवारों की मौत का संज्ञान लिया और इस घटना को एक 'आंख खोलने वाली घटना' करार दिया। अदालत ने कोचिंग सेंटरों को 'मौत के कमरे' भी बताया और कहा कि ये छात्रों की जान से खेल रहे हैं।

अदालत ने याचिकाकर्ता कोचिंग सेंटर फेडरेशन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने केंद्र सरकार और दिल्ली के मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा नियमों का पालन किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल से सहायता मांगी है। अदालत ने कहा कि अगर कोचिंग सेंटर सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं तो उन्हें ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा, "ये स्थान (कोचिंग सेंटर) मौत के कमरे बन गए हैं। जब तक सुरक्षा मानदंडों और सम्मानजनक जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन नहीं किया जाता है, तब तक कोचिंग संस्थान ऑनलाइन संचालित हो सकते हैं। कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले उम्मीदवारों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।"

अदालत का यह बयान दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में हुई आग लगने की घटनाओं पर कई याचिकाओं की सुनवाई के दौरान आया।

केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया

जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार और केंद्र को नोटिस जारी करते हुए कहा, "हमें यकीन नहीं है कि दिल्ली या भारत सरकार द्वारा अब तक क्या प्रभावी उपाय किए गए हैं। हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में कुछ युवाओं की जान चली गई, जो अपने करियर की खोज के लिए कोचिंग सेंटरों में शामिल हुए थे, ये सभी के लिए आंख खोलने वाली हैं।"

न्यायाधीश ने कहा, "इसलिए हम इन कार्यवाही के दायरे का विस्तार स्वत: संज्ञान में करने के लिए उचित समझते हैं कि भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को नोटिस जारी किया जाए कि अब तक किन सुरक्षा मानकों को निर्धारित किया गया है और यदि ऐसा है, तो उनके अनुपालन के लिए कौन सी प्रभावी व्यवस्था शुरू की गई है।"

27 जुलाई को मध्य दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर में राऊ आईएएस स्टडी सर्किल के तहखाने में बारिश का पानी भर जाने से तीन यूपीएससी छात्रों की मौत हो गई थी। बीते शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने छात्रों की मौत की जांच दिल्ली पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी, ताकि "लोगों को जांच पर कोई संदेह न हो"।

मरने वाले तीन लोगों में उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) शामिल हैं। इससे पहले रविवार को प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली कोचिंग एजुकेशनल सेंटर एंड रेगुलेशन एक्ट के मसौदे को तत्काल जारी करने की मांग की, ताकि वे बिल को पढ़ सकें और उसमें सुधार कर सकें।

2 अगस्त को, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि राजेंद्र नगर घटना में मारे गए छात्रों के परिवारों को आप सरकार और एमसीडी प्रत्येक को 10-10 लाख रुपये देगी। उन्होंने कहा, "तीन छात्रों की याद में एक पुस्तकालय बनाया जाएगा, आप सांसद संजय सिंह एक-एक करोड़ रुपये दान करेंगे, दिल्ली सरकार कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने के नियम बनाएगी।"

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