चेन्नईः तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार किसी भी केंद्रीय एजेंसी से नहीं डरती और हर राजनीतिक चुनौती का सामना करने को तैयार है। उन्होंने यह टिप्पणी चेन्नई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान की।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, "चाहे इनकम टैक्स विभाग हो, सीबीआई हो या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि द्रमुक ने इमरजेंसी के दौर में भी राजनीतिक संघर्ष किया था और तब भी पार्टी दबाव में नहीं आई।
'बाकी राज्य भी तमिलनाडु मॉडल को देख रहे हैं'
उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादों का हवाला देते हुए कहा कि द्रमुक सरकार उन्हें एक-एक करके पूरा कर रही है और राज्य में एक मिसाल कायम कर रही है। स्टालिन ने कहा, "हमने जो वादा किया था, उसे निभाया है। बाकी राज्य भी तमिलनाडु मॉडल को देख रहे हैं।"
कार्यक्रम के दौरान एक पार्टी कार्यकर्ता की यह टिप्पणी सामने आई कि 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में द्रमुक गठबंधन 234 में से 220 सीटें जीत सकता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टालिन ने कहा, "अगर हम सभी 234 सीटें भी जीत लें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। हर जिले में मुझे जो स्वागत मिलता है, वह मेरे आत्मविश्वास को मजबूत करता है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों- खासतौर पर एआईएडीएमके और बीजेपी के गठबंधन से उन्हें कोई चिंता नहीं है और द्रमुक हर मोर्चे पर तैयार है।
'केंद्र ने उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया था क्योंकि...'
उन्होंने अपने दिवंगत पिता और पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि को याद करते हुए कहा कि 1976 में केंद्र सरकार ने उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया था क्योंकि उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध किया था। स्टालिन ने कहा कि हमारा संघर्ष नया नहीं है।
स्टालिन ने भरोसा जताया कि 2026 में द्रमुक सातवीं बार राज्य की सत्ता में वापसी करेगी। उन्होंने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि जनता इस बार भी द्रमुक को समर्थन देगी और हमारी सरकार लगातार जारी रहेगी।"
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के दो पूर्व सहयोगी, वी. सेंथिल बालाजी और के. पोनमुडी, प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है। हालांकि, स्टालिन ने इन मामलों को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है।