इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को राज्य के लोगों से माफी मांगी है। उन्होंने मई 2023 से राज्य में हुई जातीय हिंसा के लिए “खेद” जताया है। बीरेन सिंह ने ‘साल 2024 को दुर्भाग्य से भरा साल’ बताया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बीरेन सिंह ने कहा, “यह पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मुझे खेद है और पिछले तीन मई से आज तक राज्य के लोगों से माफी मांगना चाहता हूं। कई लोगों ने अपनों को खोया है। कई लोगों ने अपने घरों को छोड़ दिया। मुझे वाकई में पछतावा है। मैं माफी मांगना चाहता हूं।”
नए साल में शांति की उम्मीद करते हुए सीएम ने आगे कहा, “अब, मुझे उम्मीद है कि शांति की दिशा में पिछले तीन चार महीनों की प्रगति को देखने के बाद, मुझे उम्मीद है कि नए साल 2025 के साथ, राज्य में सामान्य स्थिति और शांति बहाल हो जाएगी। मैं राज्य के सभी समुदायों से अपील करना चाहता हूं कि जो हुआ सो हुआ। हमें अब पिछली गलतियों को भूलकर एक नए जीवन की शुरुआत करनी है। एक शांतिपूर्ण मणिपुर, एक समृद्ध मणिपुर के लिए हम सभी को एक साथ रहना चाहिए।”
#WATCH | Imphal: Manipur CM N Biren Singh says “This entire year has been very unfortunate. I feel regret and I want to say sorry to the people of the state for what is happening till today, since last May 3. Many people lost their loved ones. Many people left their homes. I… pic.twitter.com/tvAxInKPdg
— ANI (@ANI) December 31, 2024
मणिपुर हिंसा में अब तक कितने लोगों की गई है जान
मणिपुर हिंसा में अब तक कितने लोगों की मौत हुई है। इस पर बोलते हुए बीरेन सिंह ने कहा, “अब तक, कुल मिलाकर लगभग 200 लोग मारे गए हैं और लगभग 12,247 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 625 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और विस्फोटक सहित लगभग 5,600 हथियार और लगभग 35,000 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। केंद्र सरकार ने विस्थापित परिवारों की मदद के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी और पर्याप्त फंड मुहैया किया है और विस्थापित व्यक्तियों के लिए नए घरों के निर्माण के लिए पर्याप्त फंड मुहैया किया है।”
जयराम रमेश ने पूछा सवाल-पीएम मोदी वहां जाकर क्यों नहीं मांगते माफी
बीरेन सिंह की मांफी पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री मणिपुर जाकर वहां भी यही बात क्यों नहीं कह सकते? उन्होंने जानबूझकर चार मई, 2023 से राज्य का दौरा करने से परहेज किया है, जबकि वह देश और दुनिया भर में यात्रा कर रहे हैं।”
Why can’t the Prime Minister go to Manipur and say the same thing there? He has deliberately avoided visiting the state since May 4th, 2023, even as he jets around the country and the world. The people of Manipur simply cannot understand this neglect https://t.co/38lizNtiAy
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 31, 2024
मणिपुर हिंसा पर सीएम द्वारा माफी मांगने पर कांग्रेस ने कहा, “19 महीने तक मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं कहा। सैकड़ों लोग मारे गए हजारों लोग विस्थापित हो गए। बात ये है कि मुख्यमंत्री ने आज क्या कहा है? बात ये है कि प्रधानमंंत्री इस विषय पर अभी तक चुप क्यों हैं? वे मणिपुर क्यों नहीं गए, वे दुनिया भर में जाते हैं। उन्होंने मणिपुर का ठेका गृहमंत्री को दे दिया है। मुख्यमंत्री तो कठपुतली हैं, असली असफलता प्रधानमंत्री की है। मणिपुर की जनता पूछ रही है कि क्यों प्रधानमंत्री हमें नजरअंदाज कर रहे हैं। वे आज तक मणिपुर नहीं आए हैं लेकिन दुनिया के सारे देशों का भ्रमण कर रहे हैं। रीलीफ कैंप लगाकर उन्होंने कोई एहसान नहीं किया है, ये आपकी जिम्मेदारी है।”
मणिपुर हिंसा के बारे में
इस साल जून में मणिपुर के जिरीबाम जिले में जातीय हिंसा हुई, जो पहले इंफाल घाटी और आसपास के इलाकों तक सीमित थी, लेकिन बाद में अन्य इलाकों में फैल गई।
हिंसा की शुरुआत जिरीबाम में एक व्यक्ति की हत्या से हुई, जिसके बाद मणिपुर के दो बड़े समुदाय, मैतेई और कुकी, के बीच आगजनी, गोलीबारी और घरों को जलाने की घटनाएं हुईं, जिससे एक हजार से अधिक लोग बेघर हो गए।
इस संघर्ष में भारत के पड़ोसी देश म्यांमार से तस्करी कर लाए गए हथियारों का भी इस्तेमाल हुआ। अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में उग्रवादियों से म्यांमार निर्मित हथियार, अन्य उपकरण, बुलेटप्रूफ जैकेट और सैन्य वर्दी बरामद की गई हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2023 से अब तक इंफाल घाटी के दोनों समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।