नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर मुख्यमंत्री आतिशी को सीएम आवास से बाहर निकालने का आरोप लगाया। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि भाजपा ने उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकाल दिया है और तीन महीने के कार्यकाल में दूसरा ऐसा वाकया है। हालांकि, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इन दावों का खंडन किया है।
मुख्यमंत्री आतिशी ने क्या आरोप लगाए?
आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा, “आज दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित की गईं और ठीक उसी दिन भाजपानित केंद्र सरकार ने मुझे मुख्यमंत्री आवास से फिर से बाहर निकाल दिया। यह तीसरे महीने में दूसरी बार है, जब मुझे मेरे आधिकारिक निवास से बेघर किया गया है। मुख्यमंत्री आवास का अलॉटमेंट कैंसिल किया और मुख्यमंत्री आवास एक चुनी हुई सरकार की चुनी हुई मुख्यमंत्री से छीन लिया। तीन महीने पहले भी उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से मेरा सामान, मेरे परिवार का सामान घर से निकालकर सड़क पर फेंक दिया था।”
आतिशी ने आगे कहा, “भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि वह घर छीनकर, हमारे साथ गाली गलौज करने से मेरे परिवार के बारे में निचले स्तर की बातें करके हमारे काम रोक देंगे।” उन्होंने कहा कि भाजपा के इस कदम से उनका काम रुकने वाला नहीं है और वह दिल्लीवासियों के लिए काम करती रहेंगी।”
उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा, “भले ही उन्होंने तीन महीने पहले मेरा सामान सड़क पर फेंक दिया था, लेकिन उसके बाद भी मैंने दिल्ली में सड़कों की मरम्मत करवाई, फ्लाईओवर बनाए, स्कूलों की स्थिति सुधारी और मोहल्ला क्लीनिक में रुके हुए टेस्ट को फिर से शुरू किया। अब मुझे याद है कि भाजपा ने मुझे दो बार मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकाला है, और मैं आज यह शपथ लेती हूं कि हर महिला को 2100 रुपये, हर बुजुर्ग को फ्री इलाज और हर पुजारी-ग्रंथी को 18,000 रुपये की सम्मान राशि दिलवाकर रहूंगी।”
लोक निर्माण विभाग ने आतिशी के आरोपों का किया खंडन
वहीं, लोक निर्माण विभाग ने दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती आतिशी द्वारा उठाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उन्हें कभी भी 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास का शारीरिक कब्जा नहीं दिया गया। विभाग के अनुसार, आतिशी ने आवास में शिफ्ट होने का प्रयास नहीं किया, जबकि उन्हें 15 दिनों के भीतर शिफ्ट होने की शर्त पर आवंटन दिया गया था। आवंटन की शर्तों के तहत, यदि आवंटी पांच दिन के भीतर आवास में नहीं शिफ्ट करता, तो आवंटन स्वचालित रूप से रद्द हो जाता है, और यही हुआ। विभाग ने यह भी बताया कि बंगला सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों के तहत था, और जब आवंटन किया गया था, तो उन्हें जांच में सहयोग देने का निर्देश भी दिया गया था। इसके बावजूद, मुख्यमंत्री ने जानबूझकर बंगले का कब्जा नहीं लिया, जिससे जांच एजेंसियों की कार्यवाही रुक गई।
पीडब्ल्यूडी ने यह स्पष्ट किया कि 16-10-2024 को ‘अधिकार पत्र’ जारी होने के बाद भी आतिशी ने केवल 23-10-2024 को बंगले का तकनीकी कब्जा लिया था, जबकि शारीरिक कब्जा लेने के लिए कई बार अनुरोध किए गए थे। विभाग ने बताया कि बंगला 10-12-2024 को निरीक्षण के बाद रहने योग्य पाया गया था और ‘रहने योग्य प्रमाणपत्र’ भी जारी किया गया था। इसके बावजूद, मुख्यमंत्री ने अब तक बंगले का शारीरिक कब्जा नहीं लिया, जबकि विभाग ने कई बार इस संबंध में पत्राचार किया। विभाग के अनुसार, बंगला अब भी पीडब्ल्यूडी के पास है और इसकी देखभाल ठेकेदारों द्वारा की जा रही है।
भाजपा ने भी आतिशी के आरोपों पर दी प्रतिक्रिया
इधर, भाजपा ने भी मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा सीएम आवास से निकाले जाने के आरोपों का खंडन किया है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने खुद ही शीश महल पर कब्जा करने से इनकार किया था, ताकि वे अपने बॉस अरविंद केजरीवाल को नाराज न करें।
मालवीय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी झूठ बोल रही हैं। उन्हें 11 अक्टूबर 2024 को शीश महल आवंटित किया गया था, लेकिन उन्होंने इस पर कब्जा नहीं किया क्योंकि वह अरविंद केजरीवाल को नाराज नहीं करना चाहती थीं। इस कारण आवंटन वापस ले लिया गया और उन्हें दो अन्य बंगले की पेशकश की गई। अब उन्हें एक आवास का चयन करना चाहिए और झूठ बोलना बंद करना चाहिए।”
‘शीशमहल’ वाले मुद्दे पर संजय सिंह का भाजपा पर हमला
इस बीच, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने भाजपा के ‘शीशमहल’ वाले दावों का मजाक उड़ाते हुए कहा, “भाजपा यह दावा करती है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास में स्विमिंग पूल है। मैं चुनौती देता हूं, कल सुबह 11 बजे हम मीडिया के साथ मुख्यमंत्री आवास का दौरा करेंगे और वहां स्विमिंग पूल और सोने का टॉयलेट ढूंढेंगे।” संजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दिल्ली मुख्यमंत्री आवास की तुलना प्रधानमंत्री आवास से भी की, यह कहते हुए कि भाजपा सिर्फ आरोप लगाने और झूठी बातों का प्रचार करने में माहिर है।