झारखंडः JSSC CGL परीक्षा में कथित धांधली के आरोपों की जांच करेगी सीआईडी, क्या है पूरा मामला?

यह मामला तब तूल पकड़ा जब 21 और 22 सितंबर को हुई जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के बाद छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो गया था।

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21 और 22 सितंबर को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा होने के बाद बड़ी संख्या में छात्रों ने आरोप लगया था। फोटोः IANS

रांचीः झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की सीजीएल (CGL) परीक्षा में कथित रूप से पेपर लीक होने के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले की जांच सीआईडी से कराने का आदेश दिया है। यह मामला तब तूल पकड़ा जब 21 और 22 सितंबर को हुई जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के बाद छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो गया था। बड़ी संख्या में छात्रों ने इस मुद्दे को लेकर परीक्षा रद्द करने की मांग भी की थी, लेकिन जेएसएससी अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।

हालांकि, अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई है और मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए सीआईडी को निर्देशित किया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद अब पूरे मामले की जांच सीआईडी द्वारा की जाएगी।

आयोग किसी भी जांच में पूरी तरह से सहयोग करेगा

धांधली के आरोपों के बाद सीआईडी जांच की सिफारिश के बाद आईएएनएस ने जेएसएससी के सचिव सुधीर गुप्ता से बात की। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सीआईडी जांच का आदेश मिलने की कोई आधिकारिक सूचना उन्हें नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि यह जानकारी उन्हें समाचार पत्रों और अन्य स्रोतों से मिली है। साथ ही, उन्होंने कहा कि आयोग किसी भी जांच में पूरी तरह से सहयोग करेगा।

छात्रों के आंदोलन और एसएससी घेराव को लेकर पूछे गए सवाल पर सुधीर गुप्ता ने छात्रों से अपील की कि वह किसी प्रकार के भ्रम का शिकार न हों और अपने विवेक का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि छात्रों को किसी और के बहकावे में नहीं आना चाहिए।

सीजीएल परीक्षा पूरी तरह से कदाचार मुक्तः जेएसएससी सचिव

जेएसएससी सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि सीजीएल परीक्षा पूरी तरह से कदाचार मुक्त, पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से आयोजित की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि परीक्षा के बाद आयोग के कर्मचारियों और सदस्यों को जान से मारने की धमकियां मिली हैं, जिससे यह साफ हो गया कि कुछ लोग इस मुद्दे को लेकर गलतफहमियां फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

सुधीर गुप्ता ने यह भी बताया कि सीजीएल परीक्षा में बड़ी संख्या में जनजाति और क्षेत्रीय भाषाओं के विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है, जिससे यह साबित होता है कि परीक्षा में कोई भी पक्षपाती तत्व नहीं था।

गौरतलब है कि 21 और 22 सितंबर को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा होने के बाद बड़ी संख्या में छात्रों ने आरोप लगया था कि परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र लीक हो गया था। इसके बाद अभ्यर्थी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे।

(यह  कहानी आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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