ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन एक विशाल हेलीपोर्ट बना रहा है। यह दावा हाल के एक रिपोर्ट में किया गया है। दावा है कि चीन अरुणाचल प्रदेश के एलएसी से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर यह हेलीपोर्ट बना रहा है।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पिछले साल दिसंबर में यहां पर कोई भी निर्माण नहीं हो रहा था लेकिन हाल के तस्वीरों में इलाके में हेलीपोर्ट तैयार होते हुए देखा गया है।
पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ 75 फीसदी पुराने मुद्दे सीमा वार्ता के जरिए हल हो गए हैं। लेकिन रिपोर्ट में किए गए दावे चीन के नीतियों का खुलासा कर रहे हैं। हालांकि इस निर्माण को लेकर अभी तक भारत सरकार द्वारा किसी किस्म की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
रिपोर्ट में और क्या दावा किया गया है
रिपोर्ट में कुछ नई सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए यह दावा किया गया है कि चीन अरुणाचल प्रदेश से सटे इलाके में हेलीपोर्ट बना रहा है जिसमें 600 मीटर का रनवे और कई हैंगर भी शामिल हैं। यह हेलीपोर्ट तिब्बत के निंगची प्रान्त में फिशटेल सेक्टर के पास तैयार किया जा रहा है।
इस हेलीपोर्ट के बनने से इलाके में चीन की सैन्य क्षमताओं में इजाफा होगा जिसे नागरिकों के आवाजाही के लिए भी इस्तेमाल करने की बात सामने आ रही है। इससे चीन को खुफिया जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी और इसके जरिए उसके सैनिकों की आवाजाही में भी आसान होगी।
भारत के लिए क्यों है यह चिंता का विष्य
चीन द्वारा बनाया जा रहा है यह हेलीपोर्ट भारत के लिए एक चिंता का विष्य है। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी ने कहा है कि हेलीपोर्ट संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खतरा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि कैसे चीन इस हेलीपोर्ट के जरिए कुशलतापूर्वक ग्रे-जोन युद्ध को अंजाम दे सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन द्वारा इलाके में हेलीपोर्ट का निर्माण करना उसके व्यापक रणनीति का एक हिस्सा भी हो सकता है। उन्होंने इसे शियाओकांग गांवों और पुलों जैसी अन्य चीनी बुनियादी ढांचे वाले परियोजनाओं के साथ जोड़ कर देखा है।
एक्सपर्ट ने कहा है कि यह और कुछ नहीं बल्कि एलएसी के साथ क्षेत्रीय दावों को पुख्ता करने की चीन की एक रणनीति है।
भारत ने क्या कदम उठाया है
हालांकि भारत भी चीन की बढ़ती मौजूदगी का मजबूती से जवाब दे रहा है। भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में तीन हजार गांवों को विकसित करने के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज’ नामक एक परियोजना की शुरुआत की है। यही नहीं भारत द्वारा उसके सैन्य रसद में सुधार के लिए 2,400 किलोमीटर का राजमार्ग भी निर्माणाधीन है।
इसके आलावा पूर्वी लद्दाख में पांच नई सड़कें बनाई जा रही हैं और उच्च तकनीक वाले बंकरों को भी तैयार किया जा रहा है। इन निर्माण के जरिए भारत अपने सीमा की रखवाली के लिए अहम कदम उठा रहा है। वह अपने सैनिकों के लिए हर वह सुविधा देने की तैयारी कर रहा है जिससे वे किसी भी स्थिति का जमकर मुकाबला कर सकें।