पाकिस्तान की मदद से चिनाब ब्रिज की जानकारी जुटा रहा चीन !

359 मीटर ऊँचे इस पुल का परीक्षण जून में हुआ था। ये पुल लगभग 1,315 मीटर लंबा है और इसे बनाने में तकरीबन 27,000 करोड़ रुपये की लागत आई है जिसमें 30,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है।

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पाकिस्तान की मदद से चिनाब ब्रिज की जानकारी जुटा रहा चीन ! फोटोः IANS

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के बारे में पाकिस्तान अहम जानकारियां जुटा रहा है। चिनाब ब्रिज भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी और रणनीतिक उपलब्धि है और यह पुल जम्मू के रियासी और रामबन जिलों को जोड़ता है।

हाल ही में इसके ट्रायल रन के बाद, पाकिस्तान और चीन की खुफिया एजेंसियों की सक्रियता बढ़ी है। इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है चीन के निर्देश पर पाकिस्तान की एजेंसी पुल की जानकारी जुटा रही है। गौरतलब है कि 359 मीटर ऊँचे इस पुल का परीक्षण जून में हुआ था।

क्षेत्रीय सुरक्षा पर खतरे की घंटी!

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान और चीन की खुफिया एजेंसियाँ चिनाब ब्रिज की जानकारी एकत्रित करने में जुटी हैं, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों पर खतरे की घंटी बज रही है। चीन और पाकिस्तान की बढ़ती निकटता और रणनीतिक सहयोग से भारत के लिए सुरक्षा चुनौतियाँ और अधिक बढ़ गई हैं। यह पुल भारत के लिए एक रणनीतिक बढ़त जैसा है, विशेषकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक के क्षेत्रों में, जहाँ लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और विवाद बने हुए हैं।

चिनाब ब्रिज के बारे में

बता दें कि चिनाब ब्रिज भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है । 272 किलोमीटर लंबी रेलवे परियोजना का हिस्सा है, जो जम्मू से शुरू होकर कश्मीर घाटी तक जाएगी। इस ब्रिज का निर्माण भारतीय सरकार ने करीब 20 वर्षों में पूरा किया है। ये पुल लगभग 1,315 मीटर लंबा है और इसे बनाने में तकरीबन 27,000 करोड़ रुपये की लागत आई है जिसमें 30,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है।

इसका उद्देश्य कश्मीर को हर मौसम में देश के अन्य हिस्सों से जोड़ना है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण अक्सर कश्मीर घाटी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क अवरुद्ध हो जाती है, जिससे आवागमन में बाधा उत्पन्न होती है। ऐसे में चिनाब ब्रिज इस समस्या का एक स्थायी समाधान प्रदान कर सकता है।

कश्मीर में बुनियादी ढांचे का विकास

यह परियोजना भारत सरकार के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है जिसके तहत कश्मीर क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ किया जा रहा है। चिनाब ब्रिज के अलावा, इस क्षेत्र में 50 से अधिक राजमार्ग, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिनसे कश्मीर घाटी और इसके आसपास के क्षेत्र को महत्वपूर्ण आर्थिक और सामरिक लाभ प्राप्त होंगे। यह परियोजनाएँ कश्मीर को नए आयामों पर ले जाएंगी और वहाँ के स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में भी सुधार करेंगी।

भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर पर विवाद पुराना

भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है। दोनों देशों ने स्वतंत्रता के बाद कश्मीर को लेकर दो बार युद्ध लड़ा है, और दोनों ही देश इस क्षेत्र पर पूर्ण दावा करते हैं, जबकि नियंत्रण केवल कुछ हिस्सों पर है। 1989 से कश्मीर में एक सशस्त्र विद्रोह की स्थिति है, जिसने हजारों जानें ली हैं और इस क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति को भी बढ़ावा दिया है। इन सभी जटिलताओं के बीच, चिनाब ब्रिज जैसे बुनियादी ढांचे के विकास से भारत को कश्मीर में स्थिरता और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

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