नई दिल्ली: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक सीनियर वकील पर जमकर नाराजगी दिखाई। हालात ये हो गए कि एक समय चीफ जस्टिस वकील को बाहर करने के लिए सिक्योरिटी को बुलाने की बात करने लगे। इस पूरे वाकये का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में तल्ख बहस, क्या है मामला

दरअसल, मामला नीट-यूजी मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश हुए वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा से जुड़ा है। वे उस समय हस्तक्षेप कर रहे थे, जब एक अन्य याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे नरेंद्र हुडा भी पीठ के सामने अपनी दलील रख रहे थे।

इस हस्तक्षेप पर बेंच की ओर से सवाल उठाए जाने पर नेदुम्पारा ने कहा कि वह अदालत के सामने सभी वकीलों में सबसे वरिष्ठ हैं। उन्होंने कहा, 'मैं जवाब दे सकता हूं। मैं एमिकस हूं।' इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, 'मैंने कोई एमिकस नियुक्त नहीं किया है।' हालांकि, वकील यहीं नहीं रुके और कहा कि 'अगर आप मेरा सम्मान नहीं करते तो मैं चला जाऊंगा।'

इस पर चीफ जस्टिस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा, 'मिस्टर नेदुम्पारा मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं। मैं कोर्ट का इनचार्ज हूं। मुझे सिक्योरिटी को बुलाना पड़ सकता है। प्लीज सिक्योरिटी को बुलाएं, और इन्हें कोर्ट से बाहर निकालें।' इस पर वकील ने जवाब दिया, 'मैं जा रहा हूं।'

मुख्य न्यायाधीश इस पर फिर नाराज हुए और कहा, 'आपको ऐसा कहने की ज़रूरत नहीं है, आप जा सकते हैं। मैंने पिछले 24 वर्षों से न्यायपालिका देखी है। मैं वकीलों को इस तरह अदालत की प्रक्रिया तय करने की अनुमति नहीं दे सकता।'

नेदुम्पारा ने जब बाइबल का किया उल्लेख

चीफ जस्टिस की तल्ख टिप्पणियों के बावजूद नेदुम्परा रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने इसे 1979 से देखा है।' इसके बाद चीफ जस्टिस और भड़क गए और उन्हें चेतावनी दी कि उन्हें अब निर्देश जारी करना होगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा, 'मुझे कुछ ऐसा जारी करना पड़ सकता है जो उचित नहीं है। आप किसी अन्य वकील को बाधित नहीं करेंगे।'

आखिरकार इतना कुछ होने के बाद नेदुम्पारा चले गए। वह बाद में फिर अदालत में लौट आये। उन्होंने कहा, 'मुझे खेद है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मेरे साथ गलत व्यवहार किया गया।' इसके बाद उन्होंने कहा कि वह मुख्य न्यायाधीश को उनका 'अपमान' करने के लिए 'माफ' करते हैं। यहां बाइबिल के एक वाक्यांश का उपयोग करते हुए कहा, 'फादर, उन्हें माफ करें, क्योंकि वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।'

पहले भी चीफ जस्टिस लगा चुके हैं फटकार

यह पहली बार नहीं है जब मैथ्यूज नेदुम्पारा को चीफ जस्टिस ने कोर्ट में उनके आचरण के लिए फटकार लगाई है। इसी साल मार्च में चुनावी बॉन्ड मामले में सुनवाई के दौरान भी नेदुम्पारा हस्तक्षेप करना चाहते थे और बीच-बीच में टोकते रहे। इस दौरान एक समय चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'मुझ पर चिल्लाओ मत... यह हाइड पार्क कोने की बैठक नहीं है, आप अदालत में हैं। आप एक आवेदन दायर करना चाहते हैं, आवेदन दायर करें। आपको मेरा फैसला चीफ जस्टिस के रूप में मिल गया, हम आपकी बात नहीं सुनने जा रहे हैं। यदि आप कोई आवेदन दायर करना चाहते हैं, तो इसे ईमेल पर भेजें। यही इस कोर्ट में नियम है।'