छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में 4 नक्सलियों को मार गिराया, एक जवान शहीद

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल अबूझमाड़ में करीब 100 नक्सलियों को मारा गया था, जो 2024 में मारे गए कुल नक्सलियों का 50 प्रतिशत से अधिक है।

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प्रतिकात्मक तस्वीर- IANS

रायपुरः छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में शनिवार शाम सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में चार नक्सलियों को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन के दौरान एक पुलिस जवान शहीद हो गया।  इस एंटी-नक्सल ऑपरेशन में नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जगदलपुर और कोंडागांव जिलों की पुलिस टीमों और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मिलकर कार्रवाई की।

मुठभेड़ में शहीद डीआरजी के हेड कांस्टेबल की पहचान सन्नू करम के रूप में हुई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस संयुक्त ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने कई स्वचालित हथियार, जैसे AK-47 और सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), बरामद किए।

यह मुठभेड़ नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले अबूझमाड़ के घने जंगलों में हुई, जो नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर स्थित है। सुरक्षा बल यहां एंटी-नक्सल अभियान पर निकले थे। शनिवार शाम से ही नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ की खबरें सामने आ रही थीं।

2024 में 100 नक्सलियों का खात्मा

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल अबूझमाड़ में करीब 100 नक्सलियों को मारा गया था, जो 2024 में मारे गए कुल नक्सलियों का 50 प्रतिशत से अधिक है। अक्टूबर 2024 में, अबूझमाड़ में हुई एक बड़ी कार्रवाई में 31 नक्सलियों को मार गिराया गया था। इसे राज्य में नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़े अभियानों में से एक माना जाता है।

नक्सलियों का गढ़: अबूझमाड़

अबूझमाड़, जो गोवा के आकार से भी बड़ा और दुर्गम भूभाग है, 1980 के दशक से नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। पिछले साल, सुरक्षा बलों ने दावा किया था कि उन्होंने अबूझमाड़ के 50 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर कब्जा करते हुए नक्सल ऑपरेशनों के केंद्र पर प्रहार किया है।

इससे पहले 31 दिसंबर को छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर ग्रेहाउंड फोर्स ने 7 नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर किया था। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के शवों के साथ-साथ कई हथियार भी बरामद किए थे, जिनमें एके-47 राइफल भी शामिल थे। यह मुठभेड़ तेलंगाना के मुलुगु जिले के जंगलों में हुई थी, जहां सुरक्षाबलों ने घेराबंदी करके नक्सलियों को निशाना बनाया था। यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस के संयुक्त प्रयासों के तहत चलाया गया था।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमाओं पर नक्सलियों की गतिविधियां पिछले कुछ सालों से चिंता का विषय रही हैं। सुरक्षा बल लगातार इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर काबू पाने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं। इस मुठभेड़ में नक्सलियों की मौत से सुरक्षा बलों के मनोबल को बढ़ावा मिलेगा और नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

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