रायपुरः छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी आईईडी हमले में एक जवान घायल हो गया। घायल हुआ जवान माओवादी विरोधी इकाई बस्तर फाइटर्स का जवान है। इससे पहले सुरक्षा बलों ने बीजापुर में पुलिस कैंप के नजदीक आईईडी बरामद किया है जो कि 45 किलो के करीब है।
यह घटना सुबह साढ़े नौ बजे से 10 बजे के बीच कोहकामेट्टा क्षेत्र में हुई। घटना उस वक्त हुई जब भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, जिला रिजर्व गार्ड और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम क्षेत्र अभ्यास के लिए बेडमाकोटी पुलिस शिविर की ओर जा रही थी।
इंडियन एक्सप्रेस ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि आईईडी को कुतुल शिविर से मात्र 1.5 किमी दूर बेडमाकोटी की ओर लगाया गया था।
अधिकारी ने कहा "घटना में घायल हुए जवान को नारायणपुर के जिला अस्पताल में ले जाया गया। वह स्थिर है।"
सुरक्षाबलों ने बरामद किया 45 किलो आईईडी
यह घटना उस दिन हुई है जब सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर इलाके में आईईडी पाया है। इस आईईडी का भार 45 किलो है और इसे चेरपाल-पाल्नर रोड पर चेरपाल गांव से दो किमी दूर कच्ची सड़क पर लगाया गया। इस जगह पर इसी साल एक पुलिस कैंप बनाया गया है।
यह बम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ की टीम बॉम्ब डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वैड यानी बीडीडीएस द्वारा पता लगाया गया। इसका पता उस दौरान चला जब टीम क्षेत्र वर्चस्व अभियान से लौट रही थी। इसे पाए जाने के बाद विस्फोटक को नष्ट करने के लिए इलाके की घेराबंदी की गई है।
अधिकारी के मुताबिक यह एक कमांड आईईडी था। इसका उद्देश्य सुरक्षा बलों को निशाना बनाना था जब वे नक्सल विरोधी अभियान के लिए बाहर जाते।
माओवादी करते हैं आईईडी का इस्तेमाल
माओवादी बड़े पैमाने पर गुरिल्ला युद्ध के दौरान आईईडी का इस्तेमाल करते हैं। बीते तीन महीनों में सुरक्षा बलों ने 123 आईईडी बरामद किए हैं और इनमें से 13 को नष्ट भी कर चुकी है।
बीती 23 मार्च को सुरक्षाकर्मियों का एक समूह बाल-बाल बच गया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों का वाहन बीजापुर जिले से गुजर रहा था और घटनास्थल से गुजरने के कुछ ही समय बाद एक्प्लोसिव डिवाइस यानी ईडी फट गया। इस घटना ने दो जवानों को हल्की चोट आई थी। इसके अलावा एक चालक को भी हल्की चोट आई थी।
इसी साल छह जनवरी को कमांड आईईडी द्वारा हुए हमले में आठ सुरक्षाकर्मियों और एक चालक की मौत हो गई थी। सुरक्षाकर्मी अबूजमाड़ से उग्रवाद विरोधी अभियान से वापस लौट रहे थे। इस अभियान में पांच नक्सली मारे गए थे।