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14 नवंबर को सुबह करीब 8:40 बजे फ्लाइट में सवार आईबी अधिकारी अनिमेष मंडल ने जानकारी दी थी कि फ्लाइट में बम है, जिसके कारण 193 सवार यात्रियों की फ्लाइट को रायपुर में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी।
हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाड द्वारा विमान की तलाशी लेने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह खबर झूठी थी। इसके बाद अनिमेष मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फ्लाइट फिर कोलकाता के लिए रवाना कर दी गई।
नागपुर निवासी अनिमेष मंडल पर गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी (धारा 351(4)) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियम, 1982 के तहत आरोप लगे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जमानत की अपील की है।
अनिमेष मंडल के वकील ने क्या तर्क दिया है
अनिमेष मंडल के वकील फैसल रिजवी ने कोर्ट में कहा कि उनका मुवक्किल निर्दोष है। रिजवी का दावा है कि मंडल संभावित खतरे के बारे में चालक दल को सचेत करके अपना कर्तव्य निभा रहे थे।
रिजवी ने यह भी कहा कि उन्होंने सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया है क्योंकि छत्तीसगढ़ में नागरिक उड्डयन से संबंधित अपराधों के लिए एक विशेष अदालत स्थापित नहीं की गई है। इस कारण उसने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का रुख किया है।
हमे पहले दिन से पता था कि यात्री एक आईबी अधिकारी है-पुलिस अधिकारी
रायपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों को पहले दिन से ही पता था कि मंडल एक आईबी अधिकारी हैं। अधिकारी ने आगे कहा कि पुलिस और आईबी अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से की गई पूछताछ में मंडल ने झूठा जानकारी देने की बात को स्वीकार किया था। इसके बाद मंडल को गिरफ्तार करने का फैसला लिया गया था।