छत्तीसगढ़ः केरल की ननों को नहीं मिली जमानत, धर्मांतरण मामले में हुई थी गिरफ्तारी

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार हुईं दो ननों को अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया। इस मामले की सुनवाई अब NIA करेगी। केरल के सीएम पिनरई विजयन ने भाजपा पर आरोप लगाया है।

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केरल की ननों को नहीं मिली जमानत Photograph: (बोले भारत डेस्क)

रायपुरः छत्तीसगढ़ के रायपुर में गिरफ्तार हुईं केरल की ननों को अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। इनकी गिरफ्तारी कथित तौर पर धार्मिक मतांतरण के मामले में हुई थी। निचली अदालत और सत्र न्यायालय ने इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब इस मामले की सुनवाई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत करेगी। 

सत्र न्यायालय के जज अनीश दुबे ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मानव तस्करी के आरोपों के कारण यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। यह एनआईए न्यायालय के दायरे में आता है। 

बिलासपुर एनआईए कोर्ट में होगी सुनवाई

अब इस मामले की सुनवाई बिलासपुर की एनआईए कोर्ट करेगी। तब तक नन न्यायिक हिरासत में रहेंगी। शिकायतकर्ता राजकुमार तिवारी इस मामले में एनआईए कोर्ट में एक नई याचिका दायर कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भाजपा और इनके वैचारिक सहयोगियों पर ईसाई समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। विजयन ने इस गिरफ्तारी को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा दर्ज कराई गई "झूठी शिकायत " के आधार पर "जानबूझकर की गई उत्पीड़न की कार्रवाई" बताया।

विजयन ने आगे कहा "यह घटना संघ परिवार के असली चरित्र को उजागर करती है। वही लोग जो ईसाइयों के घरों में केक और मुस्कुराहट लेकर घुस जाते हैं, अब नन को निशाना बना रहे हैं। " 

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने के एक व्यापक अभियान का हिस्सा है। यह भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर कर रहा है।

विजयन ने कहा कि उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को नन की गिरफ्तारी के तुरंत बाद लिखा था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने केंद्र सरकार पर हस्तक्षेप न करने को लेकर आलोचना की और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पर गिरफ्तारी को उचित ठहराने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा "अल्पसंख्यकों के अधिकार और संविधान की गारंटी खतरे में है। हमें इस खतरनाक प्रवृत्ति का विरोध करना होगा।"

विष्णु देव साय ने क्या कहा?

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार (28 जुलाई) को गिरफ्तारियों का बचाव करते हुए कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है। 

साय ने दावा किया "नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग के प्रशिक्षण और उसके बाद नौकरी का वादा किया गया था। नारायणपुर के एक आदमी ने उनको दुर्ग स्टेशन पर ननों को सौंप दिया था, जो उन्हें आगरा ले जा रही थीं। उनका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी।"

वहीं, केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि पार्टी ने ननों की मदद के लिए त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के महासचिव अनूप एंटनी उन्हें कानूनी और रसद सहायता देने के लिए पहले से हैं। 

उन्होंने स्पष्ट किया "जो मैं समझ रहा हूं वो यह है कि उन्होंने आवश्यक पोर्टल पर पंजीकरण नहीं किया था। लेकिन यह निश्चित रूप से तस्करी या धार्मिक मतांतरण का मामला नहीं है"

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