चेन्नईः तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में आज परिसीमन को लेकर पहली कार्रवाई समिति की बैठक हुई है। इसमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने विपक्षी एकता दिखाते विपक्षी नेताओं का स्वागत किया। इन लोगों में चार राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।
अपने स्वागत भाषण में स्टालिन ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का परिसीमन को लेकर दिया गया आश्वासन "अस्पष्ट" है। गौरतलब है कि बीते दिनों अमित शाह ने परिसीमन को लेकर कहा था कि इससे दक्षिणी राज्यों की सीटों में कोई कमी नहीं होगी। इसके साथ ही स्टालिन ने राज्यों को चेतावनी दी कि मणिपुर जैसी स्थिति से बचने के लिए प्रतिनिधित्व की लड़ाई जरूरी है।
मणिपुर का दिया उदाहरण
स्टालिन ने मणिपुर को लेकर कहा कि "मणिपुर राज्य दो सालों से जल रहा है और इसके लोगों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है क्योंकि उनके पास अपनी आवाज उठाने के लिए प्रतिनिधित्व नहीं है।"
चेन्नई में हुई इस बैठक में जब नेता पहुंचने लगे तो तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई और अन्य नेताओं ने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया। अन्नामलाई ने संयुक्त कार्रवाई बैठक को नाटक करार देते हुए स्टालिन पर निशान साधा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और केरल के साथ कावेरी और मुल्लापेरियार जल बंटवारे के विवाद पर स्टालिन ने ऐसी बैठकें नहीं बुलाईं।
पंजाब, तेलंगाना, केरल के मुख्यमंत्री हुए शामिल
परिसीमन के मुद्दे को लेकर हुई एकता बैठक में पांच राज्यों के 14 नेताओं ने भाग लिया। इस बैठक में कई मुख्यमंत्री भी शामिल रहे। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल हुए। इसके साथ ही कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और बीजू जनता दल (बीजेडी) और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
स्टालिन ने बैठक को संबोधित करते हुए तर्क दिया कि जनसंख्या के आधार पर सीटों का बंटवारा प्रगतिशील राज्यों को दंडित करेगा और उत्तर-दक्षिण राज्यों के बीच असमानताओं को और गहरा करेगा। स्टालिन ने कहा कि अगर योजना के अनुरूप परिसीमन होता है तो राज्य को कम से कम आठ सीटों का नुकसान होगा। इसके साथ ही स्टालिन ने यह भी कहा कि प्रतिनिधित्व घटाना सिर्फ संख्या के बारे में नहीं है बल्कि इससे राज्यों के अस्तित्व पर भी खतरा है।
वहीं, बैठक से पहले स्टालिन ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया। इस पोस्ट में लिखा कि "आज का दिन इतिहास में उस दिन के रूप में अंकित होगा जब हमारे देश के विकास में योगदान देने वाले राज्य #निष्पक्ष परिसीमन सुनिश्चित करके अपने संघीय ढांचे की रक्षा के लिए एक साथ आगे आए।"
Today will be etched in history as the day when states that have contributed to our nation’s development came together to safeguard its federal structure by ensuring #FairDelimitation.
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 22, 2025
I warmly welcome all Chief Ministers and political leaders to this meeting, united in our… pic.twitter.com/s35eg8Tw7g
उन्होंने कहा कि मैं बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों और नेताओं का हार्दिक स्वागत करता हूं जो #निष्पक्ष परिसीमन के प्रति एकजुट हैं।
परिसीमन को लेकर चिंता के बीच हुई बैठक
जेएसी मीटिंग परिसीमन प्रक्रिया को लेकर जारी चिंताओं के बीच आयोजित की गई। परिसीमन 2026 के बाद प्रस्तावित है। दक्षिणी राज्यों को डर है कि इससे उनका राजनैतिक रूप से नुकसान हो सकता है। स्टालिन ने कहा कि विपक्ष परिसीमन के खिलाफ नहीं है बल्कि उस प्रक्रिया के खिलाफ है जो कुछ राज्यों प्रतिकूल प्रभाव डालेगा जिन्होंने जनसंख्या वृद्धि को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया है।
स्टालिन ने तमिलनाडु की आर्थिक और सामाजिक प्रगति की ओर इशारा करते हुए कहा कि राज्यों को उनकी सफलता के लिए दंडित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा "हम परिसीमन के खिलाफ नहीं है लेकिन यह निष्पक्ष परिसीमन होना चाहिए।"
स्टालिन ने कहा कि यहां एकत्रित प्रत्येक राज्य ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय रूप से प्रगति की है। लेकिन अगर हमारा प्रतिनिधित्व कम हो जाता है तो यह युवाओं, लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय की नीतियों को पीछे ले जाएगा। स्टालिन ने आगे कहा "हमारी भाषा, संस्कृति और पहचान को नुकसान पहुंचेगा। बिना राजनीतिक शक्ति के हम अपनी ही धरती पर गुलाम बन जाएंगे। "
अमित शाह की टिप्पणी पर उठाए सवाल
वहीं, अमित शाह की आश्वासन वाली टिप्पणी पर भी स्टालिन ने सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा नेता ने यह बयान एक सार्वजनिक रैली में दिया लेकिन संसद में नहीं। स्टालिन ने कहा "उनका बयान राजनैतिक रूप से अस्पष्ट है।"
भाजपा पर राज्यों को लगातार कमजोर करने का आरोप लगाते हुए स्टालिन ने विपक्षी नेताओं से अपनी एकता को राष्ट्रीय मॉडल में बदलने का आह्वान किया। स्टालिन ने कहा "भाजपा हमेशा से राज्यों से सत्ता हथियाने वाली पार्टी रही है।" हम यहां जो भी निर्णय लेते हैं, वे लोगों तक पहुंचने चाहिए।
भाजपा ने काले झंडे दिखाकर जताया विरोध
वहीं, भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इस बैठक पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा नेता तमिलिसाई सौंदर्याराजन ने इस बैठक को भ्रष्टाचार छुपाने वाली बैठक करार देते हुए कहा कि तमिलनाडु के लोगों के हितों की रक्षा के लिए काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सी आर केसवन ने कहा कि डीएमके परिसीमन को लेकर नाटक का मंचन कर रही है। उन्होंने कहा कि डीएमके की डर फैलाने, लोगों को गुमराह करने और गलत सूचना देने की डीएमके की विभाजनकारी राजनीति उन पर बुरी तरह प्रभाव डालेगी।