रणवीर इलाहाबादिया मामले के बीच एक्शन में केंद्र सरकार, OTT प्लेटफॉर्म्स को दिए ये निर्देश

केंद्र सरकार ने इंटरनेट, सोशल मीडिया पर भद्दे और आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर बढ़ते विवाद के बीच ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। सरकार ने कहा है कि ये प्लेटफॉर्म्स कानून के खिलाफ जाकर किसी भी तरह का कंटेंट न दिखाएं।

ओटीटी प्लेटफार्मों को चेतावनी दी

ओटीटी प्लेटफार्मों को चेतावनी दी Photograph: (Social Media)

नई दिल्ली: रणवीर इलाहाबादिया के इंडियाज गॉट लेटेंट शो विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अब केंद्र सरकार भी एक्शन मोड में है। दरअसल, केंद्र सरकार ने इंटरनेट, सोशल मीडिया पर भद्दे और आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर बढ़ते विवाद के बीच ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। सरकार ने कहा है कि ये प्लेटफॉर्म्स कानून के खिलाफ जाकर किसी भी तरह का कंटेंट न दिखाएं।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय की एक सलाह के अनुसार, सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और उनके सेल्फ-रेगुलेटरी संगठनों को एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि उन्हें आईटी नियम-2021 के तहत तय किए गए नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के स्व-नियामक निकायों को प्लेटफॉर्म द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उचित सक्रिय कार्रवाई करने को भी कहा है।

OTT प्लेटफॉर्म को केंद्र की चेतावनी

मंत्रालय ने कहा कि उसे ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के कुछ प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित अश्लील, पोर्नोग्राफिक और अश्लील सामग्री के कथित प्रसार के संबंध में संसद सदस्यों, वैधानिक संगठनों और सार्वजनिक शिकायतों से शिकायतें मिली हैं। मंत्रालय ने बताया कि कई सांसदों, विधायी संस्थाओं और आम लोगों ने शिकायत की है कि कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर अश्लील, पोर्नोग्राफिक और आपत्तिजनक कंटेंट दिखाया जा रहा है। इसी के चलते सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार ने यह भी कहा है कि इन प्लेटफॉर्म्स को कंटेंट को उम्र के हिसाब से वर्गीकृत करना होगा, ताकि बच्चों तक गलत सामग्री न पहुंचे।

सरकार ने साफ किया है कि इन प्लेटफॉर्म्स को कंटेंट दिखाते समय कानून और आईटी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा। किसी भी तरह का गैरकानूनी कंटेंट दिखाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।'ए' रेटेड कंटेंट को बच्चों से दूर रखने के लिए, प्लेटफॉर्म्स को खास इंतजाम करने होंगे। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों तक यह कंटेंट न पहुंचे।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

बता दें कि केंद्र सरकार की यह एडवाइजरी सुप्रीम कोर्ट के उस सुझाव के बाद आई है, जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को नियंत्रित करने की बात कही गई थी।  शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या वह यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट के बारे में कुछ करने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने केंद्र को इस मामले में नोटिस जारी किया है।

एएसजी ऐश्वर्या भाटी से बेंच ने कहा कि आप एसजी और एजी को हमारी चिंता के बारे में सूचित करें और हमें बताएं। जस्टिस सूर्यकांत ने भाटी से कहा था, हम सोशल मीडिया में अश्लील कंटेंट के मुद्दे पर भी विचार करेंगे। हम मुद्दे का विस्तार कर रहे हैं, सरकार बताए कि उसने क्या किया है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "स्वतंत्रता भाषण के नाम पर कोई भी व्यक्ति समाज के नियमों के खिलाफ जो चाहे, बोलने का लाइसेंस नहीं पा सकता। क्या आपको यह लाइसेंस मिला है कि आप अपनी गंदी मानसिकता को उजागर करें? आपको अपनी रक्षा के लिए गुवाहाटी क्यों नहीं जाना चाहिए?"

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