Thursday, October 16, 2025
Homeभारत'वक्फ-बाय-यूजर' सिद्धांत के तहत घोषित वक्फ संपत्तियां सरकार वापस ले सकती हैः...

‘वक्फ-बाय-यूजर’ सिद्धांत के तहत घोषित वक्फ संपत्तियां सरकार वापस ले सकती हैः सुप्रीम कोर्ट में केंद्र

नई दिल्लीः बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह स्पष्ट किया कि विवादित ‘वक्फ-बाय-यूजर’ सिद्धांत के तहत घोषित संपत्तियों को वापस लेने का उसे पूर्ण कानूनी अधिकार प्राप्त है। मुस्लिम पक्ष के तर्क प्रस्तुत करने के एक दिन बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोई भी व्यक्ति सरकारी जमीन पर अपना अधिकार नहीं जताकर दावा नहीं कर सकता।

मेहता ने कहा, “सरकारी जमीन पर किसी का कोई वैधानिक अधिकार नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई संपत्ति सरकार की हो और उसे वक्फ घोषित किया गया हो, तो सरकार उसे वापस ले सकती है।”

‘वक्फ-बाय-यूजर’ प्रावधान, जिसे नए कानून में समाप्त कर दिया गया है, यह अनुमति देता था कि बिना किसी औपचारिक दस्तावेज के, किसी संपत्ति के लंबे समय तक धार्मिक या चैरिटेबल उपयोग के आधार पर उसे वक्फ माना जाए।

‘वक्फ केवल दान है, इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं’

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि वक्फ केवल एक धार्मिक दान का रूप है, जो इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “वक्फ इस्लामी अवधारणा है, लेकिन इसका इस्लाम में अनिवार्य होना जरूरी नहीं। यह केवल एक दान है, जैसा हर धर्म में होता है- ईसाई धर्म में, हिंदू धर्म में और सिख धर्म में भी।”

उन्होंने बताया कि ‘वक्फ-बाय-यूजर’ सिद्धांत अब भविष्य में लागू नहीं होगा, सिवाय तीन विशेष स्थितियों के- जब वह संपत्ति पंजीकृत हो, निजी हो या सरकारी हो।

मेहता ने आगे कहा कि नया वक्फ कानून ब्रिटिश काल और स्वतंत्र भारत की सरकारों के लिए अनसुलझे जटिल विवादों का समाधान लेकर आया है। उन्होंने कहा, “यह 1923 से चले आ रहे मुद्दे को समाप्त करता है। सभी हितधारकों की सुनवाई हुई है, और कुछ याचिकाकर्ता पूरे मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते।”

सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशीय पीठ ने मंगलवार को कहा था कि संसद द्वारा पारित किसी भी कानून में ‘संवैधानिक वैधता’ की मान्यता होती है और अदालत तब तक हस्तक्षेप नहीं करती जब तक कोई बहुत मजबूत और स्पष्ट मामला न हो।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई को इन तीन मुद्दों तक सीमित रखने का आग्रह किया

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवैई ने कहा था, “हर कानून को संवैधानिक वैधता का लाभ दिया जाता है। अंतरिम राहत के लिए मजबूत और स्पष्ट कारण प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।”

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि याचिकाओं की सुनवाई केवल तीन सीमित मुद्दों तक सीमित रखी जाएं-  वक्फ-बाय-यूजर सिद्धांत, केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों का नामांकन, और सरकारी जमीन की पहचान वक्फ के अंतर्गत।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा